कलकत्ता हाईकोर्ट ने 6 वर्षीय सौतेली बेटी की हत्या के लिए दोषी महिला की सजा निलंबित की
कलकत्ता हाईकोर्ट ने हाल ही में उस महिला की सजा को निलंबित कर दिया, जिसे अपनी छह वर्षीय बेटी को जहर देकर मारने के लिए ट्रायल कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
जस्टिस अरिजीत बनर्जी और जस्टिस अपूर्वा सिन्हा रे की खंडपीठ ने इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि महिला पहले ही छह साल से अधिक समय जेल में बिता चुकी है और दोषसिद्धि के खिलाफ उसकी अपील अभी भी लंबित है, कहा कि यह ऐसा मामला नहीं है जहां यह कहा जा सके। अपील की अंतिम सुनवाई में एसजेई के सफल होने की बिल्कुल भी संभावना नहीं है।
अदालत ने कहा,
"चूंकि अपील लंबित है, उसकी सजा को अंतिम रूप नहीं दिया गया। उसने लगभग साढ़े छह साल कैद में बिताए हैं। कोई भी निश्चितता के साथ नहीं कह सकता कि अपील पर अंतिम निर्णय कब होगा। यदि अपील भविष्य में किसी भी समय सफल होती है वास्तव में कोई भी आवेदक को उस अपराध के लिए दोषी ठहराए जाने के कारण जेल में बर्बाद हुए समय की भरपाई नहीं कर पाएगा, जो उसने किया ही नहीं है।'
महिला पर अपनी सौतेली बेटी, जो उस समय छह साल की थी, को जहर मिली हुई मिठाई देने का आरोप है। उन्हें दिसंबर 2018 में दोषी ठहराया गया।
जबकि उनका प्रतिनिधित्व करने वाले वकील ने अभियोजन साक्ष्य में कुछ कथित विसंगतियों की ओर इशारा किया, राज्य ने कहा कि ऐसी विसंगतियां प्रकृति में मामूली हैं और ट्रायल कोर्ट के फैसले की योग्यता को प्रभावित नहीं करेंगी।
दोषी को राहत देने के लिए विभिन्न उदाहरणों पर भरोसा करते हुए अदालत ने कहा कि बड़ी नंबर में लंबित मामलों को देखते हुए अपील पर जल्द फैसला होने की कोई निश्चितता नहीं है। तदनुसार, अदालत ने कुछ शर्तों के अधीन महिला को जमानत दे दी।
केस टाइटल: नाजू बीबी @ नरजिना बीबी बनाम पश्चिम बंगाल राज्य
साइटेशन: लाइवलॉ (कैल) 179/2023
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