कलकत्ता हाईकोर्ट ने 'स्वास्थ्य साथी' स्वास्थ्य योजना में अनियमितताओं का आरोप लगाने वाली याचिका पर राज्य सरकार से जवाब मांगा
कलकत्ता हाईकोर्ट ने सोमवार को अपनी 'स्वास्थ्य साथी' योजना के तहत प्रदान की जाने वाली चिकित्सा सेवाओं पर पश्चिम बंगाल सरकार से जवाब मांगा। 'स्वास्थ्य साथी' योजना एक सब्सिडी वाली राज्य सरकार की बीमा योजना है जिसे वर्ष 2016 में लॉन्च किया गया था। इस योजना के तहत प्रति परिवार प्रति वर्ष 5 लाख रुपये तक माध्यमिक और तृतीयक देखभाल के लिए हेल्थ कवरेज दी जाती है।
मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव और न्यायमूर्ति राजर्षि भारद्वाज की पीठ अमेरिका के एक डॉक्टर और संगठन पीपुल फॉर बेटर ट्रीटमेंट के अध्यक्ष कुणाल साहा द्वारा दायर एक जनहित याचिका (पीआईएल) पर सुनवाई कर रही थी। इसमें योजना के कार्यान्वयन में कदाचार और अनियमितताओं का आरोप लगाया गया है। यह तर्क दिया गया कि योजना के लिए आवेदन करने के बावजूद कई रोगियों को कोई वित्तीय सहायता नहीं मिली।
उठाई गई शिकायत का संज्ञान लेते हुए बेंच ने राज्य सरकार को एक हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया। हलफनामा में लोगों को योजना का लाभ प्राप्त करने में मदद करने के लिए अपनाई गई प्रक्रिया और स्वास्थ्य विभाग से संपर्क करने के बाद भी वित्तीय सहायता प्राप्त करने में विफल रहने वाले रोगियों की संख्या का विवरण दिया जाने के लिए कहा गया।
महाधिवक्ता एसएन मुखर्जी ने सोमवार को पीठ को अवगत कराया कि स्वास्थ्य साथी का हर साल नवीनीकरण किया जाता है और सरकार एक निजी बीमा कंपनी के सहयोग से शुरू की गई स्वास्थ्य योजना का प्रीमियम वहन कर रही है।
मामले की अगली सुनवाई 19 जनवरी, 2022 को होनी है।
केस शीर्षक: पीपल फॉर बेटर ट्रीटमेंट (पीबीटी) बनाम पश्चिम बंगाल राज्य