बॉम्बे हाईकोर्ट ने नेशनल मेडिकल काउंसिल के वकील के खिलाफ बार काउंसिल में शिकायत दर्ज करने के लिए विदेशी मेडिकल ग्रेजुएट की खिंचाई की

Update: 2023-02-01 07:25 GMT

बॉम्बे हाईकोर्ट ने मंगलवार को उस विदेशी मेडिकल ग्रेजुएट को फटकार लगाई, जिसने नेशनल मेडिकल काउंसिल के वकील के खिलाफ बार काउंसिल में शिकायत दर्ज कराई थी। इस शिकायत में आरोप लगाया गया कि उसने अदालत के सामने झूठा बयान दिया।

कोर्ट ने कहा,

“यह हमारे बार में वकील को डराने का प्रयास है, जो प्रतिवादी (एनएमसी) के लिए पेश हो रहा है और जो अपना काम कर रहा है। वह (एनएमसी के वकील) जस्टिस धानुका की अगुवाई वाली पीठ के आदेश की ओर इशारा कर रहे हैं ... क्या वह (याचिकाकर्ता यति पाटिल) जस्टिस धानुका के बारे में जो कहा उसके निहितार्थ को समझते हैं? जस्टिस धानुका को गुमराह किया गया, जस्टिस धानुका को समझ नहीं आया कि उनके सामने क्या रखा गया है' ... यह सब उनकी शिकायत में निहित है।"

शिकायत में आरोप लगाया गया कि एनएमसी के वकील ने हाईकोर्ट की अन्य पीठ के सामने अदालती आदेश पेश करते समय गलत बयान दिया।

जस्टिस जीएस पटेल और जस्टिस नीला गोखले की खंडपीठ विदेशी मेडिकल ग्रेजुएट के लिए नेशनल एग्जाम बोर्ड द्वारा आयोजित स्क्रीनिंग ट्रायल में कई अनियमितताओं का आरोप लगाने वाली याचिकाओं के बैच पर सुनवाई कर रही थी।

एनएमसी के एडवोकेट गणेश गोले ने अदालत को बताया कि जब याचिकाकर्ता को अपने पक्ष में कोई आदेश नहीं मिला तो उसने बार काउंसिल के समक्ष अपने और अपने जूनियर के खिलाफ शिकायत दर्ज की। अदालत ने इस पर कड़ा ऐतराज जताया और कहा कि यह वकील को डराने की कोशिश है, जो अपना काम कर रहा है।

जस्टिस जी.एस. पटेल ने कहा,

"वह (याचिकाकर्ता) इस अदालत की क्षमता की सीमाओं का परीक्षण करना चाहता है। मिस्टर शेट्टी (याचिकाकर्ता के वकील) उन्हें सलाह देने के लिए आपसे बेहतर कोई नहीं है कि यह पीठ क्या कर सकती है और क्या करने से डरती है। बॉम्बे हाईकोर्ट के बारे में इसे याद रखें, हमने मुख्यमंत्री को हटा दिया, वह कौन है?

बेंच ने इसे सिस्टम में घोटाला करने की कोशिश करार दिया।

जस्टिस पटेल ने कहा,

"अगर उन्हें लगता है कि वह इससे बच सकते हैं तो वह गलत नंबर डायल कर रहे हैं, वह गलत बेंच के पास जा रहे हैं।"

याचिकाकर्ता ने यह आरोप लगाते हुए अवमानना की कार्यवाही भी दायर की कि प्रतिवादियों ने संजीव गुप्ता और अन्य बनाम भारत संघ और अन्य, (2005) में सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन नहीं किया।

सुनवाई के दौरान कोर्ट याचिकाकर्ता के मामले से संतुष्ट नहीं था। एनएमसी के वकील के खिलाफ याचिकाकर्ता की शिकायत सामने आने पर पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता का यह कृत्य वास्तव में आपराधिक अवमानना का मामला है।

अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता के वकील अशोक शेट्टी शिकायत से अनभिज्ञ है। अदालत ने उन्हें निर्देश दिया कि याचिकाकर्ता इसे आगे बढ़ाएंगे या नहीं, इस पर निर्देश मांगे। कोर्ट ने याचिकाकर्ता को अगली तारीख यानी 2 फरवरी, 2023 को पेश होने का भी निर्देश दिया।

केस नंबर- WP/2078/2021 [मूल]

केस टाइटल- ऑल इंडिया मेडिकल स्टूडेंट्स वेलफेयर फोरम और अन्य बनाम भारत संघ और अन्य।

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