टीवी शो के खिलाफ फर्जी FIR दर्ज कराने वाले व्यक्ति को सजा के तौर पर अस्पताल में सफाई और पोछा लगाने का आदेश

Update: 2025-09-05 05:45 GMT

बॉम्बे हाईकोर्ट ने हाल ही में एक व्यक्ति को सरकारी जेजे अस्पताल में सफाई और पोछा लगाने का आदेश दिया। कोर्ट ने पाया कि उसने ज़ी टीवी के नए शो 'तुम से तुम तक' के खिलाफ फर्जी शिकायत दर्ज कराई थी। यह शो लगभग 46 वर्षीय व्यक्ति और 19 वर्षीय लड़की की प्रेम कहानी पर आधारित है।

जस्टिस रवींद्र घुगे और गौतम अंखड की खंडपीठ ज़ी टीवी द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें महेंद्र संजय शर्मा नामक व्यक्ति द्वारा चैनल के नए धारावाहिक को लेकर दर्ज कराई गई FIR रद्द करने की मांग की गई।

हालांकि, खंडपीठ ने शिकायतकर्ता के आचरण पर आश्चर्य व्यक्त किया, जिसने शुरुआत में साइबर सेल को अपना नाम 'सुनील शर्मा' बताया और जब उसे पिछले महीने जजों के समक्ष पेश किया गया तो उसने अपना नाम 'सुनील महेंद्र शर्मा' बताया, जबकि उसके आधार कार्ड, पैन कार्ड और अन्य दस्तावेजों में उसका नाम 'महेंद्र संजय शर्मा' लिखा था।

खंडपीठ ने शिकायतकर्ता द्वारा दिए गए इस तर्क पर भी असंतोष व्यक्त किया कि उसे शिकायत दर्ज कराने का अधिकार है। चूंकि वह एक बड़े मीडिया हाउस के खिलाफ FIR दर्ज करा रहा था, इसलिए उसे अपने खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई की आशंका थी, इसलिए उसने शिकायत में नाम बदल दिया।

जजों ने कहा,

"शिकायत केवल सोशल मीडिया पर प्रसारित समाचारों और विचारों पर आधारित थी। हम शिकायतकर्ता द्वारा झूठी पहचान के तहत ऐसी तुच्छ शिकायत दर्ज कराने के लिए दिए गए स्पष्टीकरण से संतुष्ट नहीं हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि यह कृत्य दुर्भावना से संभवतः किसी प्रतिद्वंद्वी के इशारे पर किया गया। इस पहलू की जांच पुलिस द्वारा की जानी है।"

उन्होंने आगे कहा,

"हमारे विचार से शिकायतकर्ता द्वारा पुलिस अधिकारियों के साथ-साथ इस न्यायालय के समक्ष किया गया छद्म रूप गंभीर चिंता का विषय है। यह न्याय प्रशासन में जानबूझकर बाधा उत्पन्न करने का मामला है।"

इसलिए खंडपीठ ने शर्मा को शहर के जेजे अस्पताल में 15 दिनों तक सामुदायिक सेवा करने का आदेश दिया।

खंडपीठ ने आदेश दिया,

"शिकायतकर्ता को जेजे अस्पताल में 15 कार्यदिवसों तक प्रतिदिन तीन घंटे (सोमवार से शुक्रवार) सामुदायिक सेवा करने का निर्देश दिया जाता है। इस सेवा में फर्श, सार्वजनिक क्षेत्रों की सफाई/गीली सफाई/गीला पोछा लगाना या अस्पताल प्रशासन द्वारा सौंपे गए अन्य कार्य शामिल होंगे।"

जजों ने स्पष्ट किया कि यदि शर्मा आदेशानुसार अपने कर्तव्यों का पालन करने में विफल रहे तो उन्हें न्यायालय की अवमानना ​​की कार्यवाही का सामना करना पड़ेगा।

Case Title: Zee Entertainment Enterprises Ltd. vs Inspector of Police (Criminal Writ Petition 3607 of 2025)

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