"आदेश पारित करने का क्या मतलब? इसे लागू करने के लिए मंत्री होना चाहिए": बॉम्बे हाईकोर्ट जज ने महाराष्ट्र में कैबिनेट की कमी पर कहा

Update: 2022-08-06 04:47 GMT

बॉम्बे हाईकोर्ट

बॉम्बे हाईकोर्ट की जज जस्टिस रेवती मोहिते डेरे ने शुक्रवार को महाराष्ट्र कैबिनेट में मंत्रियों की नियुक्ति में देरी पर टिप्पणी की।

शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे के मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता देवेंद्र फडणवीस के उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ लिए हुए एक महीने से अधिक समय हो गया है, लेकिन अभी तक राज्य सरकार में कैबिनेट विस्तार की घोषणा नहीं की गई।

पीठ शुक्रवार को एडवोकेट अमृत पाल खालसा की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। इस याचिका में गृह मंत्री को दो सप्ताह के भीतर गन लाइसेंस के लिए उसकी अपील पर शीघ्र निर्णय लेने का निर्देश देने की मांग की गई थी। उन्होंने अदालत को बताया कि उनका आवेदन मंत्री के समक्ष काफी समय से लंबित है।

जस्टिस डेरे ने हल्के-फुल्के अंदाज में कहा,

"आदेश देने का क्या मतलब? लागू करने के लिए मंत्री होना चाहिए।"

जस्टिस डेरे ने सुझाव दिया कि याचिकाकर्ता पहले मंत्री की नियुक्ति के लिए आवेदन दायर कर सकता है।

खालसा ने कहा,

"केवल अपने हित के लिए ऐसा करना स्वार्थी होगा।"

जस्टिस डेरे ने कहा,

"नहीं, यह व्यापक जनहित में होगा। लेकिन हम इसे हल्के-फुल्के अंदाज में कह रहे हैं अन्यथा आप कहेंगे कि अदालत ने आपको फाइल करने और आवेदन करने का निर्देश दिया है।"

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