भागलपुर पुल हादसे का मामला पटना हाईकोर्ट पहुंचा, स्वतंत्र जांच की मांग को लेकर जनहित याचिका दायर

Update: 2023-06-06 07:29 GMT

बिहार के भागलपुर में गंगा नदी पर बने अगुवानी-सुल्तानगंज पुल गिरने का मामला पटना हाईकोर्ट पहुंच गया है। पटना हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है। याचिका में मामले की स्वतंत्र जांच की मांग की गई है।

ये याचिका एडवोकेट मणिभूषण प्रताप सेंगर ने दायर की है। याचिकाकर्ता ने पुल का निर्माण करने वाली एसपी सिंगला कंस्ट्रक्शन कंपनी के खिलाफ कार्रवाई करने की भी मांग की है। याचिकाकर्ता का कहना है कि पुल का तुरंत पुनर्निर्माण करने का निर्देश दिया जाए।

याचिका में कहा गया है कि जिन लोगों की लापरवाही से पुल गिरा है उन लोगों पर कार्रवाई की जाए। पुल गिरने से सार्वजनिक धन का भारी नुकसान हुआ। साथ ही जनता को असुविधा हुई।

याचिका में कहा गया है कि ये पुल 1717 करोड़ की लागत से बन रहा था। पुल का निर्माण करने वाली कंपनी ने लापरवाही की है। याचिकाकर्ता ने राज्य सरकार और उसके अधिकारियों पर कंपनी को काम पूरा करने के लिए अधिक समय देने का भी आरोप लगाया, जबकि कंपनी ने काम में देरी की थी।

याचिका में कहा गया है,

"प्रतिवादियों ने सत्ता की मिलीभगत से सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाने के लिए भारी सार्वजनिक धन का दुरुपयोग किया है। उन्होंने पुल का निर्माण ठीक से नहीं किया।“

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक राज्य सरकार के अधिकारियों ने कहा- निर्माणाधीन पुल के कुछ हिस्सों को एक्सपर्ट की सलाह पर योजनाबद्ध तरीके से जानबूझकर गिराया गया है। क्योंकि इसमें डिजाइन की खामियां थीं।

बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा,

‘‘आपको याद दिला दूं कि पिछले साल 30 अप्रैल को इस पुल का एक हिस्सा ढह गया था। इसके बाद, हमने निर्माण मामलों में अपनी एक्सपर्टिज के लिए मशहूर आईआईटी-रुड़की से एक अध्ययन करने के लिए संपर्क किया। इसकी अंतिम रिपोर्ट आनी बाकी है, लेकिन संरचना का अध्ययन करने वाले एक्सपर्ट्स ने हमें सूचित किया था कि इसमें गंभीर खामियां हैं।’



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