तमिलनाडु और पुडुचेरी की बार काउंसिल ने एनडीपीएस अधिनियम, आईपीसी और गुंडा अधिनियम के तहत आरोप लगने के कारण तीन अधिवक्ताओं को निलंबित किया

Update: 2021-07-15 13:37 GMT

तमिलनाडु और पुडुचेरी की बार काउंसिल ने मंगलवार को12 जुलाई के प्रस्ताव के तहत तीन अधिवक्ताओं के लाइसेंस निलंबित कर दिए। इन अधिवक्ताओं के खिलाफ भारतीय दंड संहिता 1860, गुंडा अधिनियम 1982 और Narcotic Drugs and Psychotropic Substances Act, 1985 (नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रॉपिक सब्स्टांसेस एक्ट, 1985) (एनडीपीएस अधिनियम) के तहत आपराधिक मामले दर्ज करने के कारण बार काउंसिल ने यह कार्रवाई की। इस संबंध में संबंधित अधिवक्ताओं के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई भी शुरू कर दी गई है।

संबंधित अधिवक्ताओं को देश के सभी न्यायालयों, न्यायाधिकरणों और अन्य प्राधिकरणों में उनके खिलाफ लंबित अनुशासनात्मक कार्रवाई का निपटारा  होने तक प्रैक्टिस करने से प्रतिबंधित कर दिया गया है।

अधिवक्ता पी. सतीश और पी. रेजिविंस पर शंकर नगर पुलिस स्टेशन, चेन्नई द्वारा एनडीपीएस अधिनियम की धारा 8 (सी) और 20 (बी) (द्वितीय) के तहत आरोप लगाए गए हैं। इसके अतिरिक्त, अधिवक्ता एस. जोथिराजा पर आईपीसी की धारा 147, 148, 341, 294 (बी), 506 (ii) और 307 के तहत आरोप लगाया गया है। उन्हें जिला कलेक्टर, थूथकुडी जिले द्वारा 1982 के गुंडा अधिनियम के तहत हिरासत में भी लिया गया है।

एक संबंधित खबर में, पिछले हफ्ते बार काउंसिल ऑफ दिल्ली ने वित्तीय सहायता मांगने के लिए फर्जी COVID-19 रिपोर्ट जमा करने के कारण एक वकील का लाइसेंस निलंबित कर दिया था।

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