बछड़ों के साथ दुधारू गायों की नीलामी जानवरों के साथ क्रूरता के समान नहीं : उड़ीसा हाईकोर्ट
उड़ीसा हाईकोर्ट ने हाल ही में कहा कि बछड़ों के साथ दुधारू गायों की नीलामी क्रूरता के समान नहीं है।
न्यायमूर्ति जसवंत सिंह और न्यायमूर्ति एस के पाणिग्रही की खंडपीठ ध्यान फाउंडेशन द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी।
ध्यान फाउंडेशन जानवरों के प्रति क्रूरता की रोकथाम अधिनियम, 1960 के प्रावधानों के तहत बचाव, देखभाल, उपचार और जानवरों के पुनर्वास की गतिविधि में लगे एक पंजीकृत ट्रस्ट है।
वर्तमान याचिका में फाउंडेशन ने तीन नवंबर, 2021 को बीजू पटनायक ओपन एयर आश्रम, जमुझारी के परिसर में मवेशियों (बछड़ों के साथ सात गायों) की बिक्री के लिए नीलामी नोटिस को चुनौती दी।
फाउंडेशन का मामला यह था कि गाय वध के लिए कसाइयों के हाथों में आ जाएगी और इसलिए नीलामी रोक दी जाए।
हालांकि, कोर्ट का विचार था कि बछड़ों के साथ दुधारू गायों की प्रस्तावित नीलामी क्रूरता या जानवरों को छोड़ने के लिए नहीं है, जिससे पी.सी. अधिनियम 1962 या उड़ीसा गोवध रोकथाम अधिनियम, 1960 के किसी भी दंडात्मक प्रावधान को आकर्षित किया जा सके।
केस का शीर्षक - ध्यान फाउंडेशन बनाम ओडिशा राज्य और अन्य
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