धार्मिक तरीकों से इलाज के बहाने 15 वर्षीय लड़की से बलात्कार करने के आरोपी 'ओझा' को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जमानत देने से इनकार किया
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पिछले हफ्ते धार्मिक तरीकों से इलाज कराने के बहाने 15 वर्षीय लड़की से कथित तौर पर बलात्कार करने के आरोप में ओझा को जमानत देने से इनकार किया।
जस्टिस समीर जैन की पीठ ने कहा कि आरोपी जमानत पर रिहा होने का हकदार नहीं है, क्योंकि उस पर 15 वर्षीय लड़की के साथ बलात्कार करने का आरोप लगाया गया, जब वह उसके साथ कमरे में अकेली थी।
आरोपी के खिलाफ आरोप इस आशय के हैं कि पीड़िता के खराब स्वास्थ्य के कारण उसके पिता (सूचक) ने आवेदक (हनुमान राम), जो 'ओझा' है, को उसका इलाज करने के लिए आमंत्रित किया। हालांकि, आवेदक के अनुसार, धार्मिक समारोह के बहाने उसने उसकी बेटी के साथ दुष्कर्म किया।
उसके खिलाफ आईपीसी की धारा 376 (3) और धारा 506 और POCSO Act की धारा 3/4 (2) के तहत दर्ज मामले में जमानत की मांग करते हुए आरोपी के वकील ने कहा कि उसके खिलाफ आरोप झूठे और निराधार है। शिकायतकर्ता द्वारा उस पर केवल इसलिए आरोप लगाए गए कि अभियुक्त से लिए गए लोन को लेकर कुछ विवाद था।
दूसरी ओर, एजीए ने जमानत की प्रार्थना का विरोध किया और कहा कि आवेदक ने अपने पद का दुरुपयोग करके पीड़िता के साथ बलात्कार किया।
परिस्थितियों को देखते हुए कि आवेदक 'ओझा' होने के नाते धार्मिक उपचार प्रदान करने की आड़ में पीड़िता के साथ बलात्कार करने का आरोप लगाया गया है, अदालत ने कहा कि उसे जमानत के लिए अयोग्य माना गया।
केस टाइटल- हनुमान राम बनाम यूपी राज्य और 3 अन्य लाइव लॉ (एबी) 463/2023
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