हत्या के लिए अपहरण: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने आपसी समझौते पर आईपीसी की धारा 364 के तहत दर एफआईआर रद्द की

Update: 2022-03-03 12:48 GMT

उत्तराखंड हाईकोर्ट ने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 364 के तहत दर्ज एफआईआर को खारिज कर दिया। उक्त एफआईआर "हत्या के लिए अपहरण" से संबंधित है।

जस्टिस आलोक कुमार वर्मा की सिंगल जज बेंच ने एफआईआर को खारिज करते हुए कहा,

"हालांकि, यह न्यायालय सामान्य रूप से आईपीसी की धारा 364 के तहत दर्ज एफआईआर रद्द करने में संकोच करेगा। यह देखा गया कि पक्षों के बीच कोई विवाद नहीं है और वे शांति और सद्भाव से रह रहे हैं।"

एफआईआर प्रतिवादी नंबर तीन द्वारा दर्ज की गई थी। एफआईआर के अनुसार 14.11.2021 को प्रतिवादी नंबर तीन के पति मोहम्मद याकूब पर याचिकाकर्ता नंबर एक (प्रतिवादी नंबर तीन का भाई), याचिकाकर्ता नंबर दो (प्रतिवादी नंबर तीन के पिता) और याचिकाकर्ता नंबर तीन ( प्रतिवादी नंबर तीन के चाचा) आरोपी हैं।

कोर्ट ने नोट किया कि प्रतिवादी नबंर तीन के पति मो. याकूब, प्रतिवादी नंबर तीन और तीनों याचिकाकर्ताओं ने प्रस्तुत किया कि उन्होंने अपना विवाद सुलझा लिया है। वे एक सौहार्दपूर्ण समाधान पर पहुंच गए हैं। साथ ही प्रतिवादी नंबर तीन ने कहा कि वह अपने पति के साथ शांति से रह रही है। याचिकाकर्ता और प्रतिवादी नंबर तीन ने कहा कि उन्होंने अपनी मर्जी से और बिना किसी दबाव के अपने हलफनामों के साथ एक कंपाउंडिंग आवेदन दायर किया है। इसलिए, उन्होंने पारस्परिक रूप से उक्त प्राथमिकी को रद्द करने के लिए प्रार्थना की।

राज्य के वकील ने भी इसका विरोध नहीं किया।

तदनुसार, न्यायालय इस निष्कर्ष पर पहुंचा और कहा,

"मामले के तथ्यों और परिस्थितियों की समग्रता को ध्यान में रखते हुए इस न्यायालय का विचार है कि न्याय के अंत को पूरा किया जाएगा। यदि 2021 की प्रथम सूचना रिपोर्ट नंबर 248, पुलिस स्टेशन जसपुर, जिला उधम सिंह नगर में आईपीसी की धारा 364 के तहत अपराध के लिए दर्ज एफआईआर निरस्त की जाती है।"

नतीजतन, एफआईआर रद्द कर दी गई।

केस का शीर्षक: अविनाश कुमार शर्मा और अन्य बनाम उत्तराखंड राज्य और अन्य।

केस नंबर: 2021 की आपराधिक रिट याचिका संख्या 2174

निर्णय की तिथि: 02 मार्च 2022

कोरम: जस्टिस आलोक कुमार वर्मा

साइटेशन: 2022 लाइव लॉ (उत्तर प्रदेश) 8

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