बॉम्बे हाईकोर्ट ने एनआईए से पूछा मालेगांव धमाकों के मुकदमे में देरी का कारण

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश बीपी धर्माधिकारी और न्यायमूर्ति एनआर बोरकर की खंडपीठ ने मामले में एक आरोपी समीर कुलकर्णी की अपील पर सुनवाई की है।

Update: 2020-02-26 06:31 GMT

बॉम्बे हाईकोर्ट ने मंगलवार को नेशनल इन्वेस्टीगेशन एजेंसी (एनआईए) को 2008 के मालेगांव धमाकों के मुकदमे में हो रही देरी के कारणों को स्पष्ट करने के लिए 'आखिरी मौका' दिया है।

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश बीपी धर्माधिकारी और न्यायमूर्ति एनआर बोरकर की खंडपीठ ने मामले में एक आरोपी समीर कुलकर्णी की अपील पर सुनवाई की है। जमानत पर बाहर समीर की ही अपील में भाजपा सांसद प्रज्ञा ठाकुर और लेफ्ट‌िनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित जैसे अन्य आरोपियों की अपीलों को भी शामिल किया गया है।

कुलकर्णी ने अपनी अपील में आरोप लगाया कि पिछले छह महीनों में मामले में केवल 14 गवाहों का परीक्षण किया गया है। उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय ने अक्टूबर 2018 में ट्रायल कोर्ट को मुकदमे में तेजी लाने के लिए कहा था, फिर भी कुछ अभियुक्त, अभियोजन और एनआईए जानबूझकर मुकदमे में देरी करती रही है।

एक दशक से अधिक पुराने मालेगांव बम धमाके मामले में विशेष एनआईए जज वीएस पाडल्कर के समक्ष अब तक 140 गवाहों का निस्तारण हो चुका है। हालांकि, न्यायाधीश पाडल्‍कर 28 फरवरी, 2020 को सेवानिवृत्त हो रहे हैं, जबकि अभियोजन पक्ष ने 600 गवाहों की एक सूची प्रस्तुत की है, जिनकी परीक्षण किया जाना बाकी है।

उल्लेखनीय है कि हाईकोर्ट एनआईए से मुकदमे में अब तक की प्रगति की रिपोर्ट एक सीलबंद कवर में पेश करने को कह चुका है। एनआईए के वकील संदेश पाटिल ने मंगलवार को से कहा कि वह सुनवाई की अगली तारीख तक कोर्ट से निर्देश लेंगे।

मालेगांव में मामले में एक अन्य पीठ के समक्ष पेश की गई प्रगति रिपोर्ट के अध्‍ययन के बाद कोर्ट ने नोट किया-

"प्रथमदृष्टया हम यही पाते हैं कि मुकदमे में कोई विशेष प्रगति नहीं हुई है।"

कोर्ट ने एनआईए से ट्रायर के दरमियान मांगे गई स्‍थगन-आदेशों की संख्या भी पूछी है, साथ ये बताने को कहा है कि अनुमानतः ट्रायल कब तक पूरा हो जाएगा।

उल्लेखनीय है कि 29 सितंबर, 2008 को, महाराष्ट्र के मालेगांव के भिकू चौक पर एक बम विस्फोट हुआ था, जिसमें छह लोग मारे गए और सौ से अधिक लोग घायल हो गए। मामले में समीर कुलकर्णी, साध्वी प्रज्ञा, लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित, मेजर (सेवानिवृत्त) रमेश उपाध्याय, सुधाकर चतुर्वेदी, अजय राहिलकर और सुधाकर चतुर्वेदी को आरोपी बनाया गया था।

मामले में सुनवाई की अगली तारीख 16 मार्च है।

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