समाज के कमजोर वर्गों के लिए डोर-टू-डोर टीकाकरण की मांग करते हुए यूथ बार एसोसिएशन ऑफ इंडिया पहुंची सुप्रीम कोर्ट

Update: 2021-05-10 11:45 GMT

यूथ बार एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने सुप्रीम कोर्ट का रुख करते हुए मांग की है कि भारत में रहने वाले सभी नागरिकों के डोर-टू-डोर COVID19 के टीकाकरण के लिए उचित कदम उठाने के संबंध में निर्देश दिए जाएं, जिससे बुजुर्ग, अपाहिज, कमजोर वर्ग, और जो लोग अपने टीकाकरण के लिए ऑनलाइन पंजीकरण करने में असमर्थ हैं,उनको टीकाकरण का लाभ मिल सकें।

वाईबीएआई (यूथ बार एसोसिएशन ऑफ इंडिया) की ओर से यह याचिका एडवोकेट मंजू जेटली ने दायर की है और कहा कि COVID19 के लिए डोर-टू-डोर टीकाकरण समय की जरूरत है, खासकर कमजोर वर्ग के लोगों के लिए। इसके अतिरिक्त, इससे टीकाकरण केंद्र तक पहुंचने के दौरान संक्रमित होने का जोखिम भी कम हो जाएगा।

''COVID19 टीकाकरण 'हम अपनी सबसे कमजोर कड़ी तक मजबूत हैं' के सिद्धांत पर आधारित होना चाहिए और किसी भी कारण से किसी भी व्यक्ति को वैक्सीन से वंचित करना, जो भी हो, बड़े सार्वजनिक हित में हानिकारक होगा।''

यह कहते हुए कि भारत एक ''कल्याणकारी राज्य'' है, याचिका में कहा गया है कि भारत को लोक कल्याण हासिल करने के लिए अपने दायित्व को स्वीकार करना चाहिए और अपने सभी नागरिकों के हितों की सेवा करनी चाहिए। यह भी प्रस्तुत किया गया है कि केंद्र सरकार द्वारा जारी यूनिवर्सल टीकाकरण योजना और राष्ट्रीय टीकाकरण रणनीति ने एक वैध उम्मीद जगाई थी कि केंद्र द्वारा वैक्सीन की खरीद की जाएगी और इसे धीरे-धीरे चरणबद्ध तरीके से मुक्त में जनता में वितरित किया जाएगा।

'' COVID19 वैक्सीन एक जीवन रक्षक दवा है और इसे आवश्यक दवाओं की राष्ट्रीय सूची में शामिल किया जाएगा। पैन इंडिया को 24/7 टोल फ्री पोर्टल बूथ बनाने के लिए निर्देशित किया जाए ताकि आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के व्यक्ति, समाज में दबकर रखे गए व्यक्ति यानी ट्रांसजेंडर और सेक्स वर्कर, समाज के वंचित वर्ग, अपाहिज लोग,अपनी उम्र या चिकित्सा विकलांगता के कारण टीका केंद्र तक पहुंच पाने में अक्षम लोग,इन टोल फ्री पोर्टल बूथ के जरिए अपने आप को टीकाकरण के लिए पंजीकृत करवा सकें। इसके बारे में विज्ञापन, सचित्र होर्डिंग्स के जरिए जागरूक किया जाए और टोल फ्री नंबर आदि के माध्यम से लोगों के सवालों के जवाब दिए जाएं।''

यह भी सुझाव दिया गया है कि कमजोर वर्गों के टीकाकरण के लिए वैक्सीन बूथ, मोबाइल वैन और वाहन आदि आवंटित किए जा सकते हैं ताकि दूरदराज के क्षेत्रों में रहने वाले लोग भी इसका लाभ ले सकें। प्रार्थना की गई है कि यह सुनिश्चित करने के प्रयास किए जाने चाहिए कि पहचान की कमी टीकाकरण की प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न न करे। याचिका में मांग की गई है कि सुप्रीम कोर्ट डोर-टू-डोर टीकाकरण का निर्देश जारी करे।

याचिका में यह भी मांग की गई है कि दिशानिर्देश जारी किए जाएं या मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) का गठन ताकि डोर-टू-डोर टीकाकरण के कामकाज को तत्काल प्रभाव से शुरू किया जा सके। वहीं 24/7 टोल फ्री पोर्टल स्थापित करने के निर्देश भी दिए जाएं ताकि लोग इसके जरिए खुद को पंजीकृत कर सकें।

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