पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हिंसा का मामला: सुप्रीम कोर्ट ने जांच के लिए याचिका पर सुनवाई दो सप्ताह के लिए स्थगित की
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को पश्चिम बंगाल में हुई चुनाव के बाद हुई हिंसा की अदालत की निगरानी में जांच की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई दो सप्ताह के लिए स्थगित कर दी।
न्यायमूर्ति विनीत सरन और न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी की पीठ ने यह नोट किया कि भारत संघ और पश्चिम बंगाल की ओर से कोई वकील पेश नहीं हुआ है। पीठ ने याचिकाकर्ता को केंद्रीय एजेंसी और पश्चिम बंगाल राज्य सरकार के वकील को याचिका देने की अनुमति दी।
बेंच ने दर्ज किया,
"अमित शर्मा ने प्रतिवादी नंबर तीन (केंद्रीय चुनाव आयोग) के लिए पेश हुए। कार्यालय की रिपोर्ट में कहा गया कि प्रतिवादी नंबर एक और प्रतिवादी नंबर दो को याचिका की प्रति दी गई, लेकिन उनकी ओर से कोई भी वकील पेश नहीं हुआ।"
सुप्रीम कोर्ट ने एक जुलाई को इस मामले में केंद्र सरकार, पश्चिम बंगाल राज्य और भारत के चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया था।
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने न्यायालय को सूचित किया कि प्रतिवादी नंबर एक और तीन को नोटिस दिए हैं और इस आशय की एक कार्यालय रिपोर्ट दी गई है।
भारत निर्वाचन आयोग की ओर से पेश अधिवक्ता अमित शर्मा ने प्रस्तुत किया कि कार्यालय रिपोर्ट इंगित करती है कि सभी प्रतिवादियों नोटिस दिए गए है, लेकिन कोई जवाब दायर नहीं किया गया है।
अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन द्वारा दायर याचिका में कहा गया कि पश्चिम बंगाल के हजारों निवासियों को अप्रैल 2021 में राज्य विधानसभा चुनावों के दौरान विपक्षी पार्टी भारतीय जनता पार्टी का समर्थन करने के लिए तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के कार्यकर्ताओं द्वारा आतंकित, दंडित और प्रताड़ित किया जा रहा है।
याचिका में कहा गया है कि चुनाव में जीत की घोषणा के बाद टीएमसी समर्थकों और कार्यकर्ताओं ने "अराजकता, अशांति पैदा करना शुरू कर दिया और हिंदुओं के घर और संपत्तियों को आग लगा दी और उनका सामान लूट लिया। वह बस इसलिए कि उन्होंने विधानसभा चुनाव में भाजपा का समर्थन किया था।"
याचिकाकर्ता का आरोप है कि इस माहौल में कम से कम 15 भाजपा कार्यकर्ताओं/समर्थकों/समर्थकों की हत्या कर दी गई। इस दौरान सरकार और प्रशासन मूकदर्शक बने रहे और पीड़ितों को कोई सुरक्षा प्रदान नहीं की गई।
सुप्रीम कोर्ट पश्चिम बंगाल में चुनाव बाद हिंसा से संबंधित दो अन्य याचिकाओं पर विचार कर रहा है।
कलकत्ता हाई कोर्ट की पाँच जजों की बेंच चुनाव के बाद की हिंसा से जुड़े मामलों पर भी विचार कर रही है।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने हाईकोर्ट के समक्ष एक रिपोर्ट प्रस्तुत की है।
(मामला : रंजना अग्निहोत्री बनाम भारत संघ और अन्य)