'वे ट्वीट्स एक साल पहले किए गए थे': एजी केके वेणुगोपाल ने शेफाली वैद्य के खिलाफ अवमानना का मुकदमा चलाने की अनुमति देने से इनकार किया

Update: 2020-12-02 10:05 GMT

अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने लेखिका शेफाली वैद्य के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में उनके ट्वीट्स के लिए अवमानना कार्यवाही शुरू करने के लिए सहमति देने से इनकार कर दिया है। इसके बारे में अटॉर्नी जनरल ने कहा है कि वे ट्वीट्स एक साल पहले किए गए थे।

एक्टिविस्ट साकेत गोखले द्वारा दायर एक शिकायत का जवाब देते हुए एजी ने कहा,

"मैंने आपके द्वारा संदर्भित ट्वीट्स की जांच की है जो जाहिरा तौर पर शेफाली वैद्य ने अपने ट्विटर पेज पर पोस्ट किए हैं। मुझे लगता है कि उनमें से प्रत्येक ट्वीट एक साल पहले प्रकाशित किया गया है। मैं आपका ध्यान न्यायालय अवमानना अधिनियम, 1971 की धारा 20 पर आकर्षित करना चाहता हूँ, इसमें कहा गया है कि कथित अवमानना, अपमानजनक आचरण की सामग्री के प्रकाशन की एक वर्ष की अवधि के बाद अवमानना की कार्रवाई प्रारंभ नहीं की जा सकती। इसलिए इन परिस्थितियों में आपके अनुरोध किए जाने के बावजूद शेफाली वैद्य के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती है।"

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