लंबित प्रस्तावों पर मुख्य न्यायाधीश की सहमति के बाद तेलंगाना हाईकोर्ट की बेंच स्ट्रेंथ 75 प्रतिशत बढ़ी
भारत के सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने उन प्रस्तावों को मंजूरी दे दी है, जिसके लागू होते ही तेलंगाना हाईकोर्ट की स्वीकृत बेंच स्ट्रेंथ जल्द ही 75% हो जाएगी। फिलहाल तेलंगाना में 24 जज है, जो अब बढ़कर 42 हो जाएंगे।
बताया गया है कि 42 जजों में से 32 स्थायी जज होंगे और 10 अतिरिक्त जज होंगे। वहीं बार में संख्या 28 हो जाएगी, जो अभी न्यायिक सेवाओं की संख्या 14 है।
प्रस्ताव दो साल से लंबित था और सीजेआई के कहने पर इसे दोबारा खोला गया। फरवरी 2019 में हाईकोर्ट ने प्रस्ताव भेजा था, जिसे मुख्यमंत्री और तेलंगाना के तत्कालीन राज्यपाल ने केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री को भेज दिया था। पीएमओ से प्राप्त एक संदर्भ के आधार पर नवंबर 2019 में मामले पर फिर से विचार किया गया और मंत्रालय ने हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को पहले रिक्तियों को भरने को वरीयता देने के लिए सूचित किया।
मई 2021 में सीजेआई ने पदभार ग्रहण करने के बाद प्रस्ताव की समीक्षा की और इसे प्रधानमंत्री और कानून मंत्री के साथ उठाया, जो मामलों की शीघ्रता से जांच कराने के लिए तुरंत सहमत हो गए।
27 मई, 2021 को सीजेआई ने इस मामले को कानून मंत्री के साथ लिखित रूप में उठाया और कहा कि स्वीकृत बेंच स्ट्रेंथ में वृद्धि का प्रस्ताव फरवरी 2019 से लंबित है। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि रिक्तियों के भरे जाने के बावजूद पेंडेंसी 2 लाख से अधिक मामलों में खतरनाक रूप से बढ़ गयी है।
कानून मंत्रालय ने चिंताओं से सहमति जताई और 7 जून, 2021 को सीजेआई को इस बारे में अवगत कराया, जिसमें सीजेआई ने 8 जून को अपनी अंतिम मंजूरी दी।