सुप्रीम कोर्ट ने जुर्माना लगाने वाला आदेश वापस लेने की सहारा कंपनियों की याचिका खारिज की

Update: 2025-01-28 12:30 GMT

सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में सहारा समूह की कंपनियों द्वारा दायर याचिका खारिज की, जिसमें उसने अपने पिछले आदेश को वापस लेने की मांग की थी। उक्त आदेश में 10 समूह कंपनियों और उनके 20 निदेशकों पर भारी जुर्माना लगाया गया था। आदेश के अनुसार, यह जुर्माना वायनाड भूस्खलन राहत कोष में जमा किया जाना था।

जस्टिस सुधांशु धूलिया और जस्टिस केवी चंद्रन की खंडपीठ ने याचिका खारिज की और कहा कि जुर्माना वापस लेने की अनुमति देने का मतलब वस्तुतः आदेश पर पुनर्विचार करना होगा।

अदालत ने जुर्माना वापस लेने की अर्जी खारिज करते हुए दर्ज किया:

"याचिकाकर्ताओं द्वारा यह राशि जमा नहीं की गई और अब उन्होंने उस आदेश को वापस लेने की प्रार्थना की। यह अदालत उस आदेश को वापस लेने के लिए इच्छुक नहीं है, क्योंकि यह आदेश पर पुनर्विचार के बराबर है। हमें यहां इस प्रार्थना पर विचार करने का कोई कारण नहीं दिखता और इसे खारिज किया जाता है।"

अगस्त 2024 में पारित आदेश के अनुसार, दस समूह कंपनियों को 10 लाख रुपए का जुर्माना देना था। बार-बार स्थगन के लिए 10,00,000/- (दस लाख रुपये) और 10 समूह कंपनियों के शीर्ष 20 निदेशकों को इस न्यायालय द्वारा पारित आदेशों का पालन न करने के लिए 5,00,000 प्रत्येक का भुगतान करने का आदेश दिया। यह जमा केरल के मुख्यमंत्री के राहत कोष में किया जाना था, जिसमें राज्य सरकार को निर्देश दिया गया कि वह उक्त लागतों का उपयोग 2024 में भूस्खलन के बाद केरल के वायनाड में हुए नुकसान की राहत और बहाली के लिए करे।

अगस्त के आदेश में दर्ज किया गया कि याचिकाकर्ताओं ने अक्टूबर 2023 के पहले के आदेश का अनुपालन नहीं किया, जिसके अनुसार याचिकाकर्ताओं को न्यायालय के समक्ष शीर्ष 10 समूह कंपनियों की संपत्तियों और उनके शीर्ष 20 निदेशकों की व्यक्तिगत संपत्तियों की सूची प्रस्तुत करने की आवश्यकता थी।

10 अक्टूबर, 2023 की सुनवाई में न्यायालय आवास परियोजना 'सहारा सिटी होम्स', जयपुर, राजस्थान के पूरा न होने के मुद्दे पर सुनवाई कर रहा था। वहां न्यायालय ने कहा कि चूंकि परियोजना के पूरा न होने पर जिला एवं राज्य आयोगों के समक्ष अनेक याचिकाएं लंबित हैं।

जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की खंडपीठ को सूचित किया गया कि सेबी बनाम सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉरपोरेशन लिमिटेड एवं अन्य में सुप्रीम कोर्ट के 2013 के एक अन्य आदेश के कारण सहारा समूह फिलहाल अगले आदेश तक किसी भी चल/अचल संपत्ति को बेचने में सक्षम नहीं है। उसी के आलोक में इसने संबंधित निदेशकों एवं कंपनियों की व्यक्तिगत संपत्तियों का विवरण प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।

केस टाइटल : उप मुख्य प्रबंधक कर्मी एवं अन्य बनाम राजिंदर कुमार एवं अन्य। | अपील की विशेष अनुमति (सी) संख्या 12491/2018

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