कोयला लेवी 'घोटाला' मामले में सूर्यकांत तिवारी की अंतरिम ज़मानत रद्द करने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार, DMF 'घोटाला' मामले में दी अंतरिम ज़मानत
सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ कोयला लेवी 'घोटाला' मामले में व्यवसायी सूर्यकांत तिवारी को दी गई अंतरिम ज़मानत रद्द करने से इनकार किया। हालांकि, कोर्ट ने DMF घोटाला मामले में व्यवसायी को मई में पहले लगाई गई शर्तों और नियमों पर अंतरिम ज़मानत दी।
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की खंडपीठ ने विस्तृत दलीलें सुनने के बाद राहत प्रदान की। इस पर विचार करते हुए खंडपीठ ने कहा कि मई के आदेश के तहत तिवारी पर शर्त लगाई, जिसके अनुसार वह जाँच एजेंसियों/निचली अदालतों द्वारा आवश्यक होने पर ही छत्तीसगढ़ राज्य में रहेंगे।
अदालत दो मामलों पर विचार कर रही थी - पहला, तिवारी द्वारा DMF 'घोटाला' मामले में अंतरिम ज़मानत की मांग करते हुए दायर किया गया। दूसरा, कोयला लेवी 'घोटाला' मामले से संबंधित, जहां छत्तीसगढ़ राज्य ने उन्हें दी गई ज़मानत रद्द करने के लिए एक आवेदन दायर किया था।
जारी किए गए आदेश में कहा गया:
"हमारा मानना है कि इस मामले में भी याचिकाकर्ता को इस समय अंतरिम ज़मानत पर रिहा किया जा सकता है। निष्पक्षता से कहें तो हम दोनों पक्षों द्वारा प्रस्तुत दलीलों का उल्लेख नहीं कर रहे हैं, क्योंकि इस तरह के समग्र विचार को अंतिम सुनवाई के चरण तक टालना बेहतर है।"
न्यायालय ने स्पष्ट किया कि तिवारी 29.05.2025 के पूर्व अंतरिम ज़मानत आदेश में लगाई गई शर्तों से बंधे रहेंगे।
कोयला लेवी 'घोटाला' मामले में तिवारी की ज़मानत रद्द करने की प्रार्थना पर न्यायालय ने कहा,
"हमने याचिकाकर्ता, अर्थात् सूर्यकांत तिवारी को अंतरिम ज़मानत देने वाले 29.05.2025 के अपने आदेश को वापस लेने के लिए दिए गए आधारों पर विधिवत विचार किया। हालांकि, हमें इस समय वर्तमान आवेदन पर विचार करने का कोई ठोस कारण नहीं मिला है। तदनुसार इसे खारिज किया जाता है।"
साथ ही न्यायालय ने अभियोजन पक्ष को तिवारी की अंतरिम ज़मानत रद्द करने की मांग करने की स्वतंत्रता सुरक्षित रखी, यदि रियायत के दुरुपयोग के बारे में कोई तथ्य सामने आता है।
Case Title:
(1) SURYAKANT TIWARI Versus STATE OF CHHATTISGARH, SLP(Crl) No. 7961/2025
(2) SURYAKANT TIWARI Versus STATE OF CHHATTISGARH, SLP(Crl) No. 1680/2025