दिल्ली दंगों मामले में उमर खालिद और अन्य की ज़मानत याचिकाओं पर नोटिस जारी, 7 अक्टूबर को होगी अगली सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को उमर खालिद, शरजील इमाम, मीरान हैदर, गुलफिशा फातिमा और शिफा उर रहमान द्वारा दिल्ली दंगों की व्यापक साजिश मामले में ज़मानत की मांग वाली याचिकाओं पर नोटिस जारी किया।
जस्टिस अरविंद कुमार और जस्टिस एनवी अंजारिया की खंडपीठ ने मामले की अगली सुनवाई 7 अक्टूबर को तय की।
सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल, एएम सिंघवी, सिद्धार्थ दवे आदि याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश हुए।
जस्टिस कुमार ने सबसे पहले पिछले शुक्रवार (19 सितंबर) को मामले की सुनवाई न करने के लिए माफ़ी मांगी। जस्टिस कुमार ने कहा कि ऐसा इसलिए हुआ, क्योंकि उनके साथी जस्टिस मनमोहन, जो पहले कपिल सिब्बल के चैंबर में सहयोगी थे, सुनवाई से खुद को अलग करना चाहते थे।
सिंघवी ने कहा कि याचिकाकर्ता स्टूडेंट्स हैं, जो पांच साल से ज़्यादा समय से जेल में हैं। उन्होंने कहा कि याचिकाकर्ताओं ने अंतरिम ज़मानत के लिए भी अर्ज़ी दायर की है। हालांकि आज (सोमवार) इस पर ज़ोर नहीं दिया गया। उन्होंने अंतरिम ज़मानत अर्ज़ी पर भी नोटिस जारी करने का अनुरोध किया।
जस्टिस कुमार ने कहा कि अदालत अंततः मुख्य याचिका का ही निपटारा करेगी।
याचिकाकर्ताओं ने सुनवाई की तारीख़ पहले करने का भी अनुरोध किया।
सिब्बल ने कहा,
"दिवाली से पहले, ताकि वे दिवाली तक बाहर आ सकें। वे सभी पांच साल से ज़्यादा समय से जेल में हैं।"
ये याचिकाएं दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा 2 सितंबर को दिए गए उस फ़ैसले के ख़िलाफ़ दायर की गईं, जिसमें उनकी ज़मानत अर्ज़ियां खारिज कर दी गईं। जस्टिस नवीन चावला और जस्टिस शैलिंदर कौर की खंडपीठ ने दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ द्वारा दर्ज की गई FIR नंबर 59/2020 में यह फ़ैसला सुनाया था।
याचिकाकर्ता 2019-2020 में नागरिकता संशोधन अधिनियम विरोधी प्रदर्शनों के आयोजन में अग्रणी स्टूडेंट्स एक्टिविस्ट हैं, फरवरी 2020 के अंतिम सप्ताह में राष्ट्रीय राजधानी में हुए सांप्रदायिक दंगों के पीछे कथित रूप से "बड़ी साजिश" रचने के लिए गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) और भारतीय दंड संहिता (ICP) के तहत आरोपों का सामना कर रहे हैं।
इस मामले में आरोपी ताहिर हुसैन, उमर खालिद, खालिद सैफी, इशरत जहाँ, मीरान हैदर, गुलफिशा फातिमा, शिफा-उर-रहमान, आसिफ इकबाल तन्हा (जिन्हें 2021 में जमानत मिली), शादाब अहमद, तसलीम अहमद, सलीम मलिक, मोहम्मद सलीम खान, अतहर खान, सफूरा जरगर (गिरफ्तारी के समय गर्भवती होने के कारण मानवीय आधार पर जमानत मिली), शरजील इमाम, फैजान खान, देवांगना कलिता (जिन्हें जमानत मिली) और नताशा नरवाल (जिन्हें जमानत मिली) है।
2 सितंबर के फैसले में उमर खालिद, शरजील इमाम, अतहर खान, खालिद सैफी, मोहम्मद सलीम खान, शिफा उर रहमान, मीरान हैदर, गुलफिशा फातिमा और शादाब अहमद को जमानत देने से इनकार कर दिया गया। याचिकाकर्ता पांच साल से अधिक समय से हिरासत में हैं।
Case Details:
1. UMAR KHALID v. STATE OF NCT OF DELHI|SLP(Crl) No. 14165/2025,
2. GULFISHA FATIMA v STATE (GOVT. OF NCT OF DELHI )|SLP(Crl) No. 13988/2025
3. SHARJEEL IMAM v THE STATE NCT OF DELHI|SLP(Crl) No. 14030/2025
4. MEERAN HAIDER v. THE STATE NCT OF DELHI | SLP(Crl) No./14132/2025
5. SHIFA UR REHMAN v STATE OF NATIONAL CAPITAL TERRITORY|SLP(Crl) No. 14859/2025