'ऐ ख़ून के प्यासे बात सुनो' शायरी मामले में इमरान प्रतापगढ़ी को सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत
सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात हाई कोर्ट द्वारा कांग्रेस सांसद और शायर इमरान प्रतापगढ़ी के खिलाफ FIR रद्द करने से इनकार करने के खिलाफ याचिका पर नोटिस जारी किया।
उक्त FIR इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट के लिए दर्ज की गई थी, जिसमें बैकग्राउंड में शायरी "ऐ ख़ून के प्यासे बात सुनो" के साथ एक वीडियो क्लिप थी।
जस्टिस अभय ओक और जस्टिस उज्ज्वल भुयान की खंडपीठ ने प्रतापगढ़ी को अंतरिम राहत देते हुए आदेश दिया कि अगले आदेश तक FIR के संबंध में आगे की कार्रवाई की जाए।
खंडपीठ ने कहा,
"नोटिस जारी कर 10 फरवरी को जवाब दिया जाए। इस बीच FIR के आधार पर किसी भी तरह से आगे कोई कदम नहीं उठाया जाएगा।"
अदालत ने यह सूचित किए जाने के बाद आदेश दिया कि प्रतापगढ़ी को इस मामले में गिरफ्तार नहीं किया गया।
प्रतापगढ़ी का प्रतिनिधित्व करने वाले सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने नोटिस जारी किए बिना याचिका खारिज करने के गुजरात हाईकोर्ट के फैसले पर सवाल उठाया।
उन्होंने टिप्पणी की,
"हम कहां पहुंच रहे हैं और कहां जा रहे हैं? इस तरह के मामले में मुझे माननीय सदस्यों से कुछ कहने की जरूरत है। यह आदेश पहले दिन ही बिना किसी नोटिस के पारित कर दिया गया।
केस टाइटल- इमरान प्रतापगढ़ी बनाम गुजरात राज्य