सुप्रीम कोर्ट ने जौहर यूनिवर्सिटी की याचिका को इलाहाबाद हाईकोर्ट में तत्काल सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया
सुप्रीम कोर्ट ने रामपुर में जौहर यूनिवर्सिटी की जमीन पर कब्जा करने के उत्तर प्रदेश सरकार के फैसले के खिलाफ समाजवादी नेता आजम खान के ट्रस्ट (मौलाना मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट) द्वारा दायर याचिका पर तत्काल सुनवाई करने का इलाहाबाद हाईकोर्ट को निर्देश दिया।
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली और जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने याचिका को इलाहाबाद हाईकोर्ट (एचसी) के एक्टिंग चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष "अर्जेंट एडमिशन" के लिए सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया।
याचिकाकर्ता की ओर से पीठ के समक्ष पेश हुए सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने तर्क दिया कि इस मामले से यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाली 600 लड़कियों के भविष्य पर असर पड़ेगा।
पीठ ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने "कुछ समय पहले" इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। हालांकि, पीठ ने इस आधार पर मामले को आंशिक सुनवाई की स्थिति से मुक्त कर दिया कि इसे आगे की सुनवाई की आवश्यकता है और इनमें से एक बेंच के सदस्य आपराधिक अपीलीय क्षेत्राधिकार में बैठे है।
कार्यवाही को अगली वाद-सूची में एक उपयुक्त बेंच के समक्ष सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया गया। हालांकि, डिवीजन बेंच के जजों में से एक, जिसने मामले को फैसले के लिए सुरक्षित रखा है, उनका बाद में कलकत्ता हाईकोर्ट में ट्रांसफर हो गया।
इस प्रकार, किसी भी स्थिति में सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की कि एक्टिंग चीफ जस्टिस द्वारा नामित एक नई पीठ के समक्ष सूचीबद्ध करना होगा।
पीठ ने कहा,
"याचिकाकर्ता को न्यायिक उपचारों तक पहुंच की सुविधा प्रदान करने के लिए हम निर्देश देते हैं कि रिट याचिका, अर्थात् रिट-सी संख्या 7022, 2023 को तत्काल एडमिशन लिस्ट में दिखाया जाए और इलाहाबाद हाईकोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया जाए।"
इसके अलावा, पीठ ने याचिकाकर्ता को अंतरिम राहत के लिए आवेदन के साथ इलाहाबाद हाईकोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली पीठ में जाने की भी छूट दी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस तरह के आवेदन पर उसके गुण-दोष के आधार पर शीघ्रता से विचार किया जाना चाहिए।
गौरतलब है कि 2022 में सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम आदेश पारित कर जौहर यूनिवर्सिटी को आवंटित भूमि के अधिग्रहण पर रोक लगा दी थी।
जस्टिस अजय रस्तोगी और जस्टिस सीटी रविकुमार की खंडपीठ ने मौलाना मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट द्वारा दायर विशेष अनुमति याचिका पर उत्तर प्रदेश राज्य को नोटिस जारी करते हुए अंतरिम आदेश पारित किया था, जिसमें अतिरिक्त द्वारा जारी निर्देश में जिला मजिस्ट्रेट, रामपुर को यूनिवर्सिटी को आवंटित लगभग 400 एकड़ भूमि वापस लेने के लिए हस्तक्षेप करने से इलाहाबाद हाईकोर्ट के इनकार को चुनौती दी गई थी।
केस टाइटल: कार्यकारी समिति, मौलाना मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट बनाम उत्तर प्रदेश राज्य और अन्य। डायरी नंबर 45480-2023
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