सुप्रीम कोर्ट ने एनईईटी- एमडीएस 2021 काउंसलिंग के लिए घोषित तारीखों का पालन करने के निर्देश दिए, बीडीएस छात्रों की याचिका का निस्तारण
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को केंद्रीय मंत्रालय द्वारा एनईईटी- एमडीएस 2021 काउंसलिंग के लिए घोषित तारीखों के आलोक में बीडीएस छात्रों के एक समूह द्वारा दायर याचिका का निपटारा किया।
कोर्ट द्वारा काफी फटकार के बाद, भारत संघ ने कल एक हलफनामा दायर किया था जिसमें बताया गया था कि उसने 20 अगस्त 2021 से एनईईटी- एमडीएस 2021 काउंसलिंग आयोजित करने का निर्णय लिया है और 10 अक्टूबर 2021 को इसका समापन होगा।
जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एमआर शाह की पीठ ने इस तथ्य को दर्ज करते हुए छात्रों द्वारा दायर याचिका का निपटारा करते हुए कहा कि उनकी शिकायत का समाधान किया गया है।
पीठ ने केंद्र सरकार और मेडिकल काउंसलिंग कमेटी को घोषित तिथियों का पालन करने का निर्देश दिया ताकि प्रवेश की प्रक्रिया निर्धारित समय सीमा के भीतर पूरी हो सके।
जब याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह ने पीठ को बताया कि काउंसलिंग की तारीखों की घोषणा कर दी गई है, तो पीठ ने टिप्पणी की कि उन्होंने इसके बारे में लाइव लॉ में पढ़ा था।
न्यायमूर्ति शाह ने कहा,
"हां, हमने लाइव लॉ पर पढ़ा है।"
न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा,
"हां, मैंने भी इसे कल शाम पढ़ा था।"
पीठ ने पहले कहा था कि काउंसलिंग आयोजित करने में देरी से छात्रों का भविष्य प्रभावित हो रहा है। पीठ ने कहा था कि काउंसलिंग में देरी से उन छात्रों को गंभीर परिणाम भुगतने होंगे, जो 31 दिसंबर, 2020 को परीक्षा परिणाम घोषित होने के बाद इंतजार कर रहे थे।
वर्तमान मामले में अपने जवाबी हलफनामे के माध्यम से, स्वास्थ्य मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया कि उन्हें मौजूदा आरक्षण नीतियों के साथ लगभग 4 सप्ताह के भीतर एनईईटी- एमडीएस काउंसलिंग आयोजित करने की अनुमति दी जाए।
मंत्रालय ने आगे कहा कि वे काउंसलिंग आयोजित करने में जल्दबाजी नहीं कर रहे हैं, और एआईक्यू योजना के तहत राज्य के मेडिकल कॉलेजों द्वारा योगदान किए गए अखिल भारतीय कोटा सीटों में ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर मद्रास उच्च न्यायालय के आदेश में स्पष्टता की कमी के कारण देरी हुई है।
हलफनामे में कहा गया है कि भारत संघ ने हाल ही में ओबीसी की केंद्रीय सूची के अनुसार ओबीसी (नॉन-क्रीमी लेयर) को 27% आरक्षण और अखिल भारतीय कोटा सीटों में केंद्र सरकार के मानदंडों के अनुसार ईडब्ल्यूएस श्रेणी को 10% आरक्षण प्रदान करने का निर्णय लिया है।
वर्तमान मामले में, वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह और एडवोकेट-ऑन-रिकॉर्ड डॉ चारु माथुर द्वारा प्रतिनिधित्व किए गए डेंटल स्नातकों ने एनईईटी-एमडीएस 2021 के लिए अलग काउंसलिंग आयोजित करने और एनईईटी-पीजी काउंसलिंग के शुरू करने के लिए नीट-एमडीएस 2021 काउंसलिंग की प्रतीक्षा ना करने के निर्देश मांगे।
याचिकाकर्ताओं, जो नीट-एमडीएस के इच्छुक हैं और बीडीएस की डिग्री रखते हैं, ने नीट-एमडीएस 2021 के लिए काउंसलिंग शेड्यूल की घोषणा में मेडिकल काउंसलिंग कमेटी ( एमसीसी) द्वारा की गई 'अन्यायपूर्ण और अनंत देरी' को चुनौती दी है। गौरतलब है कि नीट-एमडीएस शैक्षणिक सत्र 2021 के लिए एमडीएस पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए एकल पात्रता सह प्रवेश परीक्षा है।
केस: देबराज सामंत और अन्य बनाम मेडिकल काउंसलिंग कमेटी (एमसीसी) और अन्य