सुप्रीम कोर्ट ने 1984 के सिख विरोधी दंगों के मामले में दोषी सज्जन कुमार को अंतरिम जमानत देने से इनकार किया
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को 1984 के सिख विरोधी दंगों के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे कांग्रेस नेता सज्जन कुमार की मेडिकल आधार पर अंतरिम जमानत की अर्जी खारिज कर दी।
जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस एमएम सुंदरेश की पीठ ने यह कहते हुए आवेदन को खारिज कर दिया कि उनकी चिकित्सा स्थिति स्थिर है और सुधार हो रहा है।
पीठ ने इससे पहले सीबीआई से सज्जन कुमार की चिकित्सा स्थिति की जांच करने को कहा था और जांच एजेंसी को 6 सितंबर, 2021 तक हलफनामा दाखिल करने को भी कहा था। 75 वर्षीय कुमार ने यह कहते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया था कि उसकी स्वास्थ्य स्थिति अनिश्चित है। वह फिलहाल मंडोली जेल में बंद है।
पृष्ठभूमि
दिल्ली उच्च न्यायालय ने 17 दिसंबर 2018 को राजनगर इलाके में 1984 के सिख विरोधी दंगों में कुमार को दोषी ठहराया था और आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।
यह मामला दक्षिण पश्चिम दिल्ली के पालम कॉलोनी के राज नगर पार्ट- I इलाके में 1-2 नवंबर, 1984 को पांच सिखों की हत्या और उस दौरान राज नगर भाग II में एक गुरुद्वारे को जलाने से संबंधित है। 31 अक्टूबर 1984 को तत्कालीन प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी की उनके दो सिख अंगरक्षकों द्वारा हत्या के बाद दंगे भड़क गए थे।
सुप्रीम कोर्ट ने मई 2020 में भी उसे यह कहते हुए अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया था कि एम्स बोर्ड द्वारा जमानत देने वाली मेडिकल रिपोर्ट में अस्पताल में भर्ती होने का कोई आधार नहीं है। हालांकि कोर्ट ने मैरिट के आधार पर उसकी अपील को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने पर सहमति जताई।