MP राजनीतिक संकट : BJP फ्लोर टेस्ट की मांग लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंची, मंगलवार को सुनवाई 

Update: 2020-03-16 08:20 GMT

मध्य प्रदेश में कांग्रेस और बीजेपी के बीच चल रही राजनीतिक लड़ाई का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। सुप्रीम कोर्ट में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान समेत दस विधायकों ने याचिका दाखिल कर विधानसभा स्पीकर को तुरंत फ्लोर टेस्ट कराने के निर्देश देने की मांग की है। इस याचिका पर मंगलवार को सुनवाई हो सकती है। 

इस याचिका में कहा गया है कि राज्य में विधायकों की खरीद- फरोख्त जोरों पर है और ऐसे में तुरंत फ्लोर टेस्ट कराया जाना चाहिए। याचिकाकर्ता ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के 12 घंटे में फ्लोर टेस्ट कराया जाना चाहिए। 

दरअसल कोरोना की वजह से कमलनाथ सरकार को फ्लोर टेस्ट से फिलहाल राहत मिल गई है। स्पीकर ने मध्य प्रदेश विधानसभा को 26 मार्च तक के लिए स्थगित कर दिया है जबकि राज्यपाल लालजी टंडन ने स्पीकर को 16 मार्च को फ्लोर टेस्ट के जरिए बहुमत परीक्षण कराने के लिए पत्र लिखा था। 

बेंगलुरु में रखे गए सिंधिया खेमे के विधायक फिलहाल कहां हैं यह फिलहाल साफ नहीं है। सिंधिया के बीजेपी में शामिल होने से पहले ही ये विधायक बेंगलुरु भेज दिए गए थे। 

वहीं कांग्रेस ने अपने विधायकों को जयपुर में रखा था और रविवार को इन विधायकों को भोपाल लाया गया। यहां इन्हें होटल  में रखा गया था। वहीं बीजेपी के विधायकों को मानेसर से रविवार की देर रात को भोपाल लाया गया।

इस बीच स्पीकर ने कांग्रेस के छह विधायकों का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। कुल 230 सदस्यीय विधानसभा में दो स्थान रिक्त हैं। अब कांग्रेस के 108, बीजेपी के 107, बीएसपी के दो, एसपी का एक और निर्दलीय चार विधायक बचे हैं। विधानसभा में सदस्यों की कुल संख्या 222 रह गई है। लिहाजा बहुमत के लिए 112 विधायकों की जरूरत होगी।

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