Mumbai Custodial Death Case : सुप्रीम कोर्ट ने CCTV फुटेज और मेडिकल दस्तावेज़ों को सुरक्षित रखने का आदेश दिया
सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में महाराष्ट्र राज्य को नोटिस जारी किया और एक 19 वर्षीय लड़के को हिरासत में प्रताड़ित करने के कथित मामले में CCTV फुटेज और मेडिकल दस्तावेज़ों को सुरक्षित रखने का आदेश दिया। इस लड़के की मुंबई सेंट्रल जेल में हिरासत में मौत हो गई।
विशेष अनुमति याचिका पर नोटिस जस्टिस एम.एम. सुंदरेश और जस्टिस विपुल एम. पंचोली की खंडपीठ ने 13 अक्टूबर को जारी किया। मृतक की माँ ने बॉम्बे हाईकोर्ट के 24 सितंबर के आदेश के खिलाफ विशेष अनुमति याचिका दायर की।
याचिका के अनुसार, याचिकाकर्ता की ओर से पेश एडवोकेट पयोशी रॉय ने आर्थर रोड जेल और काला चौकी पुलिस स्टेशन से 16 सितंबर से 24 सितंबर तक के CCTV फुटेज, मृतक के मेडिकल रिकॉर्ड और अन्य प्रासंगिक दस्तावेज़ों को प्रस्तुत करने और सुरक्षित रखने के लिए तत्काल अंतरिम निर्देश देने की मांग की है।
विशेष अनुमति याचिका में कहा गया कि मृतक लड़के को 16 सितंबर को गिरफ्तार किया गया और गिरफ्तारी के समय उसे कोई चोट नहीं आई। हालांकि, 24 सितंबर को वह हिरासत में मृत पाए गए। आरोप है कि जेल अधिकारियों ने न केवल उनके अस्पताल में भर्ती होने की बात छिपाई, बल्कि उन्हें अस्पताल ले जाने का झूठा बहाना भी बनाया। हाईकोर्ट में रिट याचिका दायर कर स्वतंत्र जांच, FIR दर्ज करने और सबूतों को सुरक्षित रखने के लिए अंतरिम उपाय की मांग की गई। हालांकि नोटिस जारी किया गया, लेकिन अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया गया, जिसके खिलाफ वर्तमान विशेष अनुमति याचिका दायर की गई।
यह निर्देश सुप्रीम कोर्ट में स्वतः संज्ञान मामले के आलोक में मांगा गया, जिसमें न्यायालय ने कहा कि हिरासत में मौत के मामलों में CCTV फुटेज, स्टेशन डायरी रिकॉर्ड और मेडिकल रिकॉर्ड महत्वपूर्ण सबूत हैं। दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट पर स्वतः संज्ञान लिया गया, जिसमें कहा गया कि इस साल पिछले सात से आठ महीनों में पुलिस हिरासत में लगभग 11 लोगों की मौत हुई है।
Case Details: JAITUNBI MOHAMMAD SALIM SHAIKH v. STATE OF MAHARASHTRA & ORS|SPECIAL LEAVE PETITION (CRIMINAL) Diary No(s). 55997/2025