कोरोना वाइरस: जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट ने ईरान से भारतीय छात्रों को देश वापस लाने का आदेश दिया

Update: 2020-03-05 07:28 GMT

J&K&L High Court

जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से ईरान में फँसे भारतीय छात्रों को तत्काल वहाँ से निकालकर भारत लाने का आदेश दिया है। कोरोना वायरस के फैलने के कारण ये छात्र वहाँ पर फँस गए हैं।

चीन के बाद ईरान कोरोना वायरस का सबसे भीषण संक्रमण झेल रहा है। इस आशंका से कहीं भारतीय छात्र भी इस संक्रमण के शिकार न हो जाएँ, एक छात्र के अभिभावक डॉक्टर ज़हूर हुसैन मीर ने जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को इस बारे में पत्र लिखा था। उनकी बेटी वहाँ पढ़ाई कर रही है।

अदालत ने इस पर स्वतः संज्ञान लेते हुए इसे जनहित याचिका के रूप में स्वीकार कर लिया।

मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति गीता मित्तल और राजेश बिंदल की खंडपीठ ने केंद्र सरकार के विदेश, स्वास्थ्य, नागरिक उड्डयन मंत्रालयों और जेएंडके यूटी और लद्दाख़ यूटी के अधिकारियों को भी नोटिस जारी किया है। इसके साथ ही उसने मोनिका कोहली को इस मामले में अमिकस क्यूरी नियुक्त किया है।

अदालत ने छात्रों को वहाँ से निकाल लाने के इस बारे में सभी कार्रवाई तत्काल करने का निर्देश दिया है।

अदालत ने दोनों ही केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासनों को संक्रमित होने की आशंका वाले लोगों को रखने के लिए केंद्र बनाने और निजी और सरकारी क्षेत्र में जाँच केंद्रों की स्थापना सहित सभी सुविधाओं को जुटाने का आदेश दिया है ताकि कोविड-19 को फैलने से रोका आजा सके और संक्रमित लोगों का उचित इलाज हो सके।

अदालत ने कहा कि स्वास्थ्यकर्मियों, विशेषज्ञों और नर्सिंग में जुटे लोगों की सुरक्षा भी बहुत ही महत्त्वपूर्ण है क्योंकि वे संक्रमित लोगों के सीधे सम्पर्क में आएँगे।

डॉक्टर मीर ने अपने पत्र में लिखा था -

"ईरान में कोविड-19 के अचानक फैलने और दुनिया में दूसरे सबसे बड़े संक्रमण केंद्र बनकर उभरने के कारण भारत सहित ईरान से आने-जानेवाली सभी फ़्लाइट्स पर रोक लगा दी गई हैं।हम आपको यह बताना चाहते हैं कि वहाँ कई तीर्थयात्रि, श्रमिक और छात्र फँसे हुए हैं। उन्हें वहाँ मास्क, दवा और अन्य ज़रूरी चीज़ों की कई हो गई है क्योंकि बाज़ार और सरकारी कार्यालय सब बंद कर दिए गए हैं। आग्रह है कि वहाँ फँसे लोगों को तत्काल निकाला जाए क्योंकि डब्ल्यूएचओ के अनुसार, वहाँ संक्रमण काफ़ी तेज़ी से फैल रहा है"।

एक दूसरे पत्र में माँग की गई कि जिस तरह चीन के वुहान से छात्रों को तत्काल वापस लाया गया वैसे ही ईरान में फँसे छात्रों को भी वहाँ से निकाला जाए।

अदालत ने कहा कि प्रतिवादी नम्बर 4 से 7 अदालत को बताएँगे कि इस संक्रमण को रोकने कि लिए किस तरह के क़दम उठाए गए हैं।

अब इस मामले की अगली सुनवाई 12 मार्च को होगी।

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