तुच्छ मामले राष्ट्रीय महत्व के मुद्दों की सुनवाई में से जजों का समय ले रहे हैं : जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़

Update: 2021-06-01 09:07 GMT

सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने मंगलवार को कहा कि अवकाश पीठ के सामने लाए गए 95% मामले "तुच्छ" हैं, जो राष्ट्रीय महत्व के मामलों से न्यायाधीशों का समय और ध्यान हटा रहे हैं।

न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने दो मामलों में टिप्पणियां कीं, क्योंकि अदालत ने उन याचिकाओं पर विचार करने से इनकार कर दिया, जो इस आधार पर दायर की गई थीं कि वे तुच्छ थे।

यहां तक ​​​​कि उनके सामने पेश होने वाले वकील ने सुनवाई के लिए जोर दिया।

न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा,

"हमें इसे प्रोत्साहित नहीं करना चाहिए। हमारे सामने जो भी मामले हैं, उनमें से 95% तुच्छ हैं, जिसमें यह भी शामिल है। यह वक्त अधिक महत्वपूर्ण मुद्दों के प्रति समर्पित कर सकते हैं।"

उन्होंने जारी रखा कि तुच्छ मामलों के कारण प्रणाली बेकार होती जा रही थी।

जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा,

"हम आज (मंगलवार) स्वत: संज्ञान COVID-19 आदेश अपलोड करना चाहते थे, लेकिन ऐसा करने में असमर्थ रहे। कृपया संस्था की पवित्रता का सम्मान करें। इससे न्यायालय का समय बर्बाद होता है। साथ ही सुझाव दिया कि न्यायाधीशों का बहुत-सा समय ले रहे हैं। इससे आप करदाताओं का पैसा बर्बाद कर रहे हैं।"

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