सात-आठ महीने बाद भी आप इतने धृष्ट हैं : सुप्रीम कोर्ट ने वीडियो कांफ्रेंसिंग में बिना कमीज के पेश होने वाले वकील को कड़ी फटकार लगायी
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये हो रही सुनवाई के दौरान बिना कमीज पहने पेश हुए वकील की कड़ी फटकार लगाते हुए कहा, "सात-आठ माह बाद भी आप अपने धृष्ट और लापरवाह हैं।"
कमीज पहने बिना न्यायालय के समक्ष पेश होने का यह वाकया उस वक्त हुआ जब न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाली खंडपीठ बाल संरक्षण गृहों में COVID-19 संक्रमण के प्रसार के मद्देनजर स्वत: संज्ञान लिये गये मामले की सुनवाई कर रही थी।
न्यायमूर्ति राव ने संबंधित वकील को कड़ी फटकार लगायी और आश्चर्य जताते हुए कहा,
"यह क्या है? सात - आठ माह बाद भी आप इतने धृष्ट, लापरवाह कैसे हो सकते हैं?"
पिछले दो माह के भीतर शीर्ष अदालत के समक्ष अनुचित पोशाक पहनकर पेश होने का यह दूसरा वाकया है। अक्टूबर 2020 में सुप्रीम कोर्ट उस वक्त हतप्रभ रह गया था जब वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये सुनवाई के दौरान एक वकील उसके समक्ष कमीज पहने बिना पेश हुआ था।
उस वक्त बेंच की अध्यक्षता कर रहे न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ ने वकील की इस तरह की हरकत पर नाराजगी जतायी थी और कहा था कि कुछ शिष्टता तो दिखायी जानी चाहिए।
न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कोर्ट को सूचित किया था कि इस तरह की घटना कोर्ट को अपमानित करने जैसी है, क्योंकि भले ही सुनवाई वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये हो रही है, लेकिन कोर्ट नियमित कोर्ट के तरह काम कर रहा है और वकीलों से अपेक्षा की जाती है कि वे अधिक सावधान रहें। उन्होंने कहा था कि हालांकि वह इस मामले में कार्रवाई करने वाले कोई नहीं हैं, लेकिन फिर भी वकीलों को कोर्ट के समक्ष पेश होने से पहले ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है।
जून 2020 में, न्यायमूर्ति एस रवीन्द्र भट ने एक आदेश जारी किया था जिसके तहत कहा गया था कि कोर्ट के समक्ष पेश हो रहे वकीलों को खुद को ठीक तरह से पेश करने और वैसी कोई तस्वीर नहीं दिखलाने की सलाह दी जो घरों में ही निजी तौर पर दर्शाये जाने लायक हों।"
यह आदेश तब सुनाया गया था जब वकील वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये हो रही सुनवाई के दौरान बिस्तर पर लेटकर पेश हुआ था और इस दौरान वह टी-शर्ट पहने हुए था।
न्यायमूर्ति भट ने संबंधित वकील का बिना शर्त माफीनामा स्वीकार कर लिया था और कहा था कि सुनवाई की सार्वजनिक प्रकृति को ध्यान में रखते हुए कम से कम तहजीब और शिष्टता का पालन किये जाने की जरूरत है।