सिनियर एडवोकेट अरविंद दातार के बाद अब ED ने मि. केयर हेल्थ इंश्योरेंस को दी गई कानूनी सलाह को लेकर एक और सिनियर एडवोकेट को समन जारी किया है। यह कानूनी सलाह रिलायंस एंटरप्राइज़ेज़ की पूर्व चेयरपर्सन रश्मि सलूजा को जारी किए गए ESOPs (इंप्लॉयी स्टॉक ओनरशिप) से संबंधित थी।
यह समन सिनियर एडवोकेट प्रताप वेणुगोपाल को 18 जून को जारी किया गया, जिसमें उनसे यह कहा गया कि वे मि. केयर हेल्थ इंश्योरेंस लिमिटेड (CHIL) और मि. रेलिगेयर एंटरप्राइज़ेज़ लिमिटेड (REL) के बीच ESOPs पर दी गई कानूनी राय से संबंधित सभी रिकॉर्ड पेश करें, विशेष रूप से तब जब इस प्रस्ताव को बीमा नियामक संस्था IRDAI ने खारिज कर दिया था।
इसके अलावा, समन में उनसे यह भी कहा गया है कि वे CHIL/REL या उनसे संबंधित संस्थाओं द्वारा दी गई कानूनी सेवाओं के बदले किए गए भुगतान का विवरण भी उपलब्ध कराएं। उन्हें 27 जून को मुंबई स्थित ED के सहायक निदेशक के समक्ष पेश होने को कहा गया है।
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले इकोनॉमिक टाइम्स ने रिपोर्ट किया था कि ED ने सिनियर एडवोकेट अरविंद दातार को भी इसी मामले में समन भेजा था, जिसमें उन्होंने केयर हेल्थ इंश्योरेंस को ESOP से संबंधित कानूनी सलाह दी थी। हालांकि, इस समन को कानूनी बिरादरी के तीव्र विरोध के बाद वापस ले लिया गया था।
दातार को भेजे गए समन की देशभर की कानूनी संस्थाओं ने कड़ी आलोचना की थी और इसे अधिवक्ताओं की स्वतंत्रता पर खतरा बताया था। इसकी निंदा सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट्स ऑन रिकॉर्ड एसोसिएशन, मद्रास बार एसोसिएशन, दिल्ली हाईकोर्ट बार एसोसिएशन और गुजरात हाईकोर्ट एडवोकेट्स एसोसिएशन ने भी की थी। गुजरात हाईकोर्ट एडवोकेट्स एसोसिएशन ने तो यहां तक कहा कि इस मुद्दे पर CJI को हस्तक्षेप करना चाहिए और अधिवक्ताओं की पेशेवर स्वतंत्रता की रक्षा के लिए दिशा-निर्देश तय किए जाने चाहिए।