दिल्ली कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता को उनकी मेडिकल जांच में वर्चुअल रूप से शामिल होने देने की याचिका पर जेल अधिकारियों से जवाब मांगा

Update: 2024-06-14 09:46 GMT

दिल्ली की एक अदालत ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की उस याचिका पर जेल अधिकारियों से जवाब मांगा, जिसमें उन्होंने अपनी पत्नी सुनीता को वर्चुअल तरीके से मेडिकल जांच में शामिल होने देने की मांग की।

राउज एवेन्यू कोर्ट के वेकेशन जज मुकेश कुमार ने केजरीवाल की याचिका पर कल सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया।

अदालत ने कहा,

"कोई भी आदेश पारित करने से पहले मैं संबंधित जेल अधीक्षक से जवाब मांगना उचित समझता हूं...आवेदन कल के लिए रखा जाए।"

जब ED के वकील ने अनुरोध किया कि केजरीवाल की नई अर्जी पर जांच एजेंसी द्वारा जवाब दाखिल करने के लिए समय दिया जाए तो अदालत ने मौखिक रूप से टिप्पणी की:

"आरोपी जेसी (न्यायिक हिरासत) में है। आपकी हिरासत में नहीं है। अगर उन्हें कोई सुविधा चाहिए तो उसमें आपका कोई रोल नहीं है। आपकी कोई भूमिका नहीं है।”

ED की ओर से पेश हुए विशेष वकील जोहेब हुसैन ने अदालत को बताया कि पीएमएलए की धारा 45 के प्रावधानों के कारण केंद्रीय जांच एजेंसी एक महत्वपूर्ण हितधारक है। इसके अनुसार, अदालत ने केजरीवाल की याचिका पर कल सुनवाई की। उनकी जमानत याचिका 19 जून को सूचीबद्ध की गई। पिछले सप्ताह अदालत ने चिकित्सा आधार पर सात दिनों के लिए अंतरिम जमानत मांगने वाली केजरीवाल की याचिका खारिज की।

जज बावेजा ने कहा कि चुनाव के दौरान उनके द्वारा किए गए व्यापक प्रचार से पता चलता है कि उन्हें कोई गंभीर या जानलेवा बीमारी नहीं है, जिससे उन्हें पीएमएलए के तहत जमानत मिल सके। अदालत ने यह भी कहा था कि मधुमेह या यहां तक ​​कि टाइप-2 मधुमेह को इतनी गंभीर बीमारी नहीं कहा जा सकता कि केजरीवाल को दावा की गई राहत मिल सके।

अरविंद केजरीवाल को ED ने 21 मार्च को गिरफ्तार किया था। उन्हें सुप्रीम कोर्ट ने 01 जून तक अंतरिम जमानत दी थी। इसके एक दिन बाद उन्होंने आत्मसमर्पण कर दिया था। केजरीवाल फिलहाल 19 जून तक न्यायिक हिरासत में हैं। हाल ही में ED ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में केजरीवाल के साथ-साथ आम आदमी पार्टी को भी आरोपी बनाते हुए पूरक आरोपपत्र दाखिल किया। अदालत ने जांच एजेंसी द्वारा दाखिल सातवें पूरक आरोपपत्र पर संज्ञान लेने का आदेश सुरक्षित रख लिया।

10 अप्रैल को दिल्ली हाइकोर्ट ने केजरीवाल की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका खारिज की थी। न्यायालय ने कहा कि ED पर्याप्त सामग्री, अनुमोदकों के बयान और आप के अपने उम्मीदवार के बयान पेश करने में सक्षम है जिसमें कहा गया कि केजरीवाल को गोवा चुनाव के लिए पैसे दिए गए। इस मामले में आप नेता मनीष सिसोदिया और संजय सिंह भी आरोपी हैं। सिसोदिया अभी भी जेल में हैं, जबकि सिंह को हाल ही में ED द्वारा दी गई रियायत के अनुसार सुप्रीम कोर्ट द्वारा जमानत दी गई।

ED ने आरोप लगाया कि अरविंद केजरीवाल दिल्ली आबकारी घोटाले के सरगना हैं और 100 करोड़ रुपये से अधिक की अपराध आय के उपयोग में सीधे तौर पर शामिल हैं। ED का कहना है कि आबकारी नीति को कुछ खास निजी कंपनियों को थोक व्यापार में 12 प्रतिशत का लाभ देने की साजिश के तहत लागू किया गया। हालांकि मंत्रियों के समूह (जीओएम) की बैठकों के विवरण में ऐसी शर्त का उल्लेख नहीं किया गया।

केंद्रीय एजेंसी ने यह भी दावा किया कि विजय नायर और अन्य व्यक्तियों ने साउथ ग्रुप के साथ मिलकर थोक विक्रेताओं को असाधारण लाभ मार्जिन देने की साजिश रची थी।

एजेंसी के अनुसार नायर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया की ओर से काम कर रहा था।

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