गवाह का मुख्य परीक्षण और प्रति-परीक्षण एक ही दिन या अगले दिन दर्ज किया जाना चाहिए: सुप्रीम कोर्ट

Update: 2022-10-07 09:27 GMT

सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने दोहराया है कि गवाह का मुख्य परीक्षण (Chief- Examination)और प्रति परीक्षण या जिरह (Cross- Examination) एक ही दिन या अगले दिन दर्ज किया जाना चाहिए। गवाहों के मुख्य परीक्षण/प्रति-परीक्षण की रिकॉर्डिंग में स्थगन का कोई आधार नहीं होना चाहिए।

जस्टिस अजय रस्तोगी और जस्टिस सीटी रविकुमार की पीठ ने हत्या के मामले में एक आरोपी को जमानत देने के आदेश के खिलाफ दायर विशेष अनुमति याचिका पर विचार करते हुए ये टिप्पणियां कीं। याचिकाकर्ता ने अदालत को बताया था कि दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 309 के तहत मैंडेट के बावजूद अभियोजन पक्ष के गवाह का परीक्षण स्थगित किया जा रहा है।

इस स्थिति पर संज्ञान लेते हुए पीठ ने कहा, 

"कानून का मैंडेट स्वयं यह निर्धारित करता है कि जिरह के बाद मुख्य परीक्षण को या तो उसी दिन या अगले दिन दर्ज किया जाना है। दूसरे शब्दों में, अभियोजन पक्ष के गवाह के मुख्य परीक्षण /प्रति परीक्षण को परीक्षण को रिकॉर्ड करने में स्थगन का कोई आधार नहीं होना चाहिए"।

पीठ ने कहा कि विनोद कुमार बनाम पंजाब राज्य (2015) 3 SCC 220 के मामले में यह निर्देश दिया गया है। पीठ ने निचली अदालत को सीआरपीसी की धारा 309 और केस लॉ की मिसाल को ध्यान में रखते हुए मुकदमे में तेजी लाने का निर्देश दिया और आगे निर्देश दिया कि मुख्य परीक्षण/प्रति परीक्षण या तो उसी दिन या अगले दिन दर्ज हो, लेकिन अभियोजन पक्ष के गवाहों के बयान दर्ज करते समय कोई लंबा स्थगन नहीं दिया जाना चाहिए।

केस टाइटल: मुकेश सिंह बनाम उत्तर प्रदेश राज्य

साइटेशन: 2022 लाइव लॉ (एससी) 826

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