अदालत की अवमानना : CBI के पूर्व अंतरिम निदेशक नागेश्वर राव को SC ने शेल्टर होम मामले में 12 फरवरी को तलब किया
बिहार शेल्टर होम मामले की जांच कर रहे सीबीआई के पूर्व संयुक्त निदेशक ए. के. शर्मा का तबादला करने पर सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को कड़ी फटकार लगाई है और एजेंसी के तत्कालीन अंतरिम निदेशक एम. नागेश्वर राव को व्यक्तिगत रूप से 12 फरवरी को कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए हैं।
गुरुवार को चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस दीपक गुप्ता और जस्टिस संजीव खन्ना की पीठ ने कहा कि ये तबादला सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन है और यह अवमानना का फिट केस है। पीठ ने शीर्ष अदालत के पुराने 2 आदेशों के उल्लंघन को गंभीरता से लिया और अदालत से पूर्व अनुमति लिए बिना 17 जनवरी 2019 को शर्मा को सीआरपीएफ में स्थानांतरित करने के लिए राव को अवमानना नोटिस जारी किया है।
पीठ ने मौजूदा सीबीआई निदेशक ऋषि कुमार शुक्ला को निर्देश दिया कि वे उन अधिकारियों के नाम अदालत को बताएं जो शर्मा को जांच एजेंसी से बाहर स्थानांतरित करने की प्रक्रिया का हिस्सा थे।
पीठ ने अपने पहले के आदेशों का हवाला दिया जिसमें उसने सीबीआई को बिहार शेल्टर होम मामलों की जांच कर रही टीम से शर्मा को नहीं हटाने को कहा था। राव के अलावा पीठ ने अन्य सभी सीबीआई अधिकारियों की उपस्थिति की भी मांग की, जो 17 जनवरी को शर्मा की स्थानांतरण प्रक्रिया में शामिल थे। अदालत ने अपने आदेश का उल्लंघन करने के लिए सीबीआई के अभियोजन प्रभारी निदेशक एस. भासु राम की उपस्थिति का भी निर्देश दिया।
दरअसल बिहार के मुजफ्फरपुर में एक एनजीओ द्वारा संचालित शेल्टर होम में कई लड़कियों के साथ कथित तौर पर बलात्कार और यौन उत्पीड़न किया गया था और टाटा सामाजिक विज्ञान संस्थान (टीआईएसएस) की एक रिपोर्ट के बाद यह मामला प्रकाश में आया था। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी थी।