संदेशखाली मामले पर कलकत्ता हाईकोर्ट ने कहा, अगर इसमें 1% भी सच्चाई है तो यह बहुत शर्मनाक है

Update: 2024-04-05 04:29 GMT

कलकत्ता हाईकोर्ट ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल के संदेशखली में पूर्व प्रधान शाहजहां शेख और उनके कार्यकर्ताओं की देखरेख में हुई महिलाओं के खिलाफ हिंसा और भूमि कब्जाने की कथित घटनाओं की जांच की मांग करने वाली विभिन्न याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।

चीफ जस्टिस टीएस शिवगणम और जस्टिस हिरण्मय भट्टाचार्य की खंडपीठ शाहजहां और उसके लोगों के खिलाफ कथित हिंसा की घटनाओं की स्वतंत्र जांच की मांग करने वाली जनहित याचिकाओं पर विचार कर रही थी।

वकील द्वारा लगाए गए आरोपों को सुनने और महिलाओं के साथ हुए यौन उत्पीड़न और क्षेत्र के लोगों द्वारा झेली गई भूमि पर कब्जे के संबंध में रिकॉर्ड पर रखे गए हलफनामों को पढ़ा।

इसके बाद चीफ जस्टिस ने मौखिक रूप से टिप्पणी की:

"पूरे जिला प्रशासन और सत्तारूढ़ व्यवस्था को नैतिक जिम्मेदारी निभानी चाहिए। भले ही [हलफनामा] 1% भी सच है, यह बिल्कुल शर्मनाक है। पश्चिम बंगाल कहता है कि यह महिलाओं के लिए सबसे सुरक्षित है? क्या हलफनामा सही साबित होता है, यह सब खत्म हो जाता है।"

इससे पहले कोर्ट ने कथित तौर पर शेख के अधिकारियों के इशारे पर ED अधिकारियों पर हुए हमले की जांच CBI को सौंपने का निर्देश दिया था। साथ ही शाहजहां शेख को हिरासत में लेने का भी निर्देश दिया था।

केस टाइटल: Case: THE COURTS ON ITS OWN MOTION VS STATE OF WEST BENGAL

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