कलकत्ता हाईकोर्ट ने ऑनलाइन पेश होने वाले कुछ वकीलों के बीच शिष्टाचार की कमी पर आपत्ति जताई, सुविधा का समर्थन किया
मंगलवार को कलकत्ता हाईकोर्ट के जस्टिस तीर्थंकर घोष ने टिप्पणी की कि उन्होंने शिष्टाचार की कमी और 'दुर्व्यवहार' के कारण अपनी अदालत में वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग पर अधिवक्ताओं की उपस्थिति को निलंबित कर दिया था।
"वर्चुअल मैंने अधिवक्ताओं के दुर्व्यवहार के कारण निलंबित कर दिया है। मैंने उसे रोक दिया है... कोई ध्यान नहीं दे रहा है। बसें चल रही हैं, दूसरे लोग चिल्ला रहे हैं। लोग बैरकपुर कोर्ट से मामले कर रहे हैं। इसके पीछे गाली-गलौज ... इसलिए मैंने रजिस्ट्रार, आईटी को वकीलों की किसी भी भागीदारी को वर्चुअली निलंबित करने का निर्देश दिया।
ये टिप्पणियां एक मामले में की गई थीं, जहां एडवोकेट जनरल किशोर दत्ता और पूर्व डीएसजी बिलवादल भट्टाचार्य पेश हो रहे थे।
भट्टाचार्य ने कहा कि उनका नेतृत्व सीनियर एडवोकेट सिद्धार्थ लूथरा कर रहे हैं जो ऑनलाइन पेश होंगे। हालांकि, अदालत ने उन्हें सूचित किया कि अधिवक्ताओं की आभासी उपस्थिति निलंबित कर दी गई थी।