हाईकोर्ट ने TMC नेता और 7 अन्य के खिलाफ वकीलों को परेशान करने के मामले में अवमानना नियम जारी किया
कलकत्ता हाईकोर्ट की तीन जजों जस्टिस अरिजीत बनर्जी, जस्टिस सब्यसाची भट्टाचार्य और जस्टिस राजर्षि भारद्वाज की पीठ ने भर्ती घोटाले के मामले में घटनाक्रम के बारे में असंतोष को लेकर न्यायालय के बाहर वकीलों को कथित रूप से परेशान करने के लिए तृणमूल कांग्रेस (TMC) के नेता कुणाल घोष सहित आठ व्यक्तियों के खिलाफ अवमानना का आदेश जारी किया।
इससे पहले, चीफ जस्टिस ने इस घटना के संबंध में स्वत: संज्ञान लेते हुए तीन जजों की पीठ गठित की थी, जिसके कारण न्यायालय के समय के दौरान हाईकोर्ट परिसर में न्यायालय के बाहर हंगामा हुआ था।
खंडपीठ ने अपनी पिछली सुनवाई में पुलिस आयुक्त को न्यायालय के गलियारों से सीसीटीवी फुटेज रिकॉर्ड करने का निर्देश दिया, जहां हंगामा हुआ था।
उपर्युक्त पक्षों के खिलाफ नोटिस जारी करते हुए न्यायालय ने कहा:
2 मई, 2025 के हमारे आदेश द्वारा हमने दर्ज किया कि प्रथम दृष्टया हम कथित अवमाननाकर्ताओं द्वारा आपराधिक अवमानना करने के बारे में संतुष्ट हैं। हमने कथित अवमाननाकर्ताओं को नोटिस प्राप्त होने की तिथि से एक पखवाड़े के भीतर अपना जवाब दाखिल करने की स्वतंत्रता दी थी। आज सभी कथित अवमाननाकर्ताओं का प्रतिनिधित्व वकीलों के माध्यम से किया जा रहा है। उनमें से किसी ने भी कोई हलफनामा दाखिल नहीं किया। उनके खिलाफ आरोप निर्विवाद हैं। कथित अवमाननाकर्ताओं के खिलाफ नियम बनाए जाएंगे। नियम 16 जून, 2025 को दोपहर 12.30 बजे वापस किए जा सकते हैं।
मामला: माननीय न्यायालय नंबर 1 द्वारा स्वप्रेरणा कार्यवाही के संबंध में 2025 की CRLCP 7 के साथ।