कलकत्ता हाईकोर्ट ने बोल्ला काली पूजा के दौरान सामूहिक पशु बलि पर प्रतिबंध लगाने संबंधी वचनपत्र का कड़ाई से पालन करने का निर्देश दिया
कलकत्ता हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार और बोल्ला काली पूजा समिति को बोल्ला काली पूजा के दौरान सामूहिक पशु बलि की रोकथाम के संबंध में 3 नवंबर, 2025 को हुई बैठक में दर्ज वचनपत्रों का कड़ाई से पालन करने का निर्देश दिया।
एक्टिंग चीफ जस्टिस सुजॉय पॉल और जस्टिस पार्थ सारथी सेन की खंडपीठ ने कहा कि अधिकारी और पूजा समिति यह सुनिश्चित करने के लिए बाध्य हैं कि पशु क्रूरता निवारण (वधशाला) नियम, 2001 के तहत निर्दिष्ट क्षेत्रों के अलावा अन्य क्षेत्रों में कोई पशु वध न हो।
कोर्ट ने बैठक में लिए गए इस निर्णय पर ध्यान दिया कि "कोई सामूहिक बलि नहीं दी जाएगी" और राज्य तथा स्थानीय अधिकारियों को इसका कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि राज्य के अधिकारियों और पूजा समिति द्वारा जन जागरूकता पैदा करने और इलेक्ट्रॉनिक रूप से व्यापक रूप से प्रसारित करने के लिए 5 नवंबर, 2025 तक आदेश प्रसारित किया जाए।
खंडपीठ ने पूजा समिति की इस दलील को भी दर्ज किया कि 2001 के नियमों के अनुसार निर्दिष्ट स्थान पर केवल दो पशुओं की बलि दी जाएगी।
इस मामले की अगली सुनवाई दिसंबर, 2025 के दूसरे सप्ताह में पशु बलि से संबंधित संबंधित याचिकाओं के साथ होगी।
Case Title: Shree Vardhman Parivar v. State of West Bengal & Ors.