कलकत्ता हाईकोर्ट ने प्रतिबंधित बांग्लादेशी आतंकवादी संगठन से जुड़े व्यक्ति को जमानत दी
कलकत्ता हाईकोर्ट ने बांग्लादेशी नागरिक को जमानत दी, जिसे 2016 में प्रतिबंधित बांग्लादेशी आतंकवादी संगठन से जुड़े होने के संदेह में गिरफ्तार किया गया। प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (JMB) के खिलाफ मामला दर्ज किया गया।
जस्टिस जॉयमाल्या बागची और जस्टिस गौरांग कंठ की खंडपीठ ने अब्दुल कलीम उर्फ आजाद द्वारा दायर जमानत याचिका स्वीकार की।
कहा गया कि याचिकाकर्ता आठ साल से अधिक समय से हिरासत में है और मुकदमे के जल्द समाप्त होने की कोई संभावना नहीं है।
राज्य के वकील ने प्रस्तुत किया कि याचिकाकर्ता को 2014 के खगरागढ़ विस्फोट मामले में दोषी ठहराया गया था, जिसकी जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने की थी। उसे आठ साल के कारावास की सजा सुनाई गई थी। यह आरोप लगाया गया था कि JMB और खगरागढ़ में हुए विस्फोट के बीच संबंध पाए गए।
याचिकाकर्ता के वकील ने तर्क दिया कि आठ साल की सजा समाप्त हो चुकी है। राज्य अधिकारियों के पास वर्तमान मामले में याचिकाकर्ता को हिरासत में रखने का कोई आधार नहीं है।
जबकि अदालत ने कहा कि प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन से जुड़े होने के आरोप गंभीर प्रकृति के थे। उन्होंने यह भी कहा कि याचिकाकर्ता पर कोई प्रत्यक्ष कार्य नहीं किया गया। उसे सह-आरोपी द्वारा दिए गए अपुष्ट बयान के आधार पर सजा सुनाई गई।
बता दें कि चूंकि वह पहले ही अपनी आठ साल की सजा काट चुका है, इसलिए भले ही उसे वर्तमान मामले में सजा सुनाई गई हो, दोनों सजाएं एक साथ चलेंगी।
तदनुसार अदालत ने याचिकाकर्ता को जमानत दी।
केस टाइटल: अब्दुल कलीम @ आज़ाद @ अब्दुल कलाम बनाम पश्चिम बंगाल राज्य