Breaking | IT Rules में 2023 का संशोधन खारिज, हाईकोर्ट ने कुणाल कामरा की याचिका स्वीकार की
"टाई-ब्रेकर" जज की 'राय' प्राप्त करने के बाद बॉम्बे हाईकोर्ट की खंडपीठ ने IT Rules, 2021 में संशोधन को "असंवैधानिक" घोषित किया और उक्त संशोधन खारिज कर दिया, जिसने केंद्र सरकार को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर प्रसारित अपने व्यवसाय के बारे में "फर्जी और झूठी" सूचनाओं की पहचान करने के लिए फैक्ट चेक यूनिट्स (FCU) स्थापित करने की अनुमति दी थी।
जस्टिस अजय गडकरी और जस्टिस डॉ नीला गोखले की खंडपीठ ने कॉमेडियन कुणाल कामरा, एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया आदि द्वारा दायर याचिकाओं को स्वीकार किया।
खंडपीठ ने कहा,
"बहुमत की राय को देखते हुए नियम 3(1)(v) को असंवैधानिक घोषित किया जाता है। इसे खारिज किया जाता है। तदनुसार, याचिकाओं को स्वीकार किया जाता है।"।
जस्टिस गौतम पटेल और जस्टिस डॉ नीला गोखले की खंडपीठ ने इस साल जनवरी में मामले में विभाजित फैसला सुनाया था।
जस्टिस पटेल ने संशोधनों को खारिज किया, जबकि जस्टिस गोखले ने इसे बरकरार रखा।
इसके बाद, पिछले सप्ताह जस्टिस अतुल चंदुरकर ने अपनी 'राय' सुनाई और जस्टिस पटेल के विचारों से सहमति जताई।
चूंकि जस्टिस पटेल अब रिटायर हो चुके हैं, इसलिए मामले को जस्टिस गडकरी और जस्टिस गोखले की खंडपीठ के समक्ष रखा गया, जिसने अंतिम फैसला सुनाया और संशोधनों को 'बहुमत के मत' से असंवैधानिक करार देते हुए खारिज कर दिया।
अपनी याचिका में कुणाल कामरा ने कहा कि वह राजनीतिक व्यंग्यकार हैं, जो अपनी सामग्री साझा करने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर निर्भर हैं। नियमों के कारण उनकी सामग्री पर मनमाने ढंग से सेंसरशिप हो सकती है, क्योंकि इसे ब्लॉक किया जा सकता है, हटाया जा सकता है या उनके सोशल मीडिया अकाउंट को निलंबित या निष्क्रिय किया जा सकता है।
हालांकि, सूचना और प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने दावा किया कि यह जनहित में होगा कि सरकार के व्यवसाय से संबंधित "प्रामाणिक जानकारी" का पता लगाया जाए और सरकारी एजेंसी (FCU) द्वारा तथ्यों की जांच के बाद उसका प्रसार किया जाए "जिससे बड़े पैमाने पर जनता को होने वाले संभावित नुकसान को रोका जा सके।"