बॉम्बे हाईकोर्ट ने मोटर व्हीकल एग्रीगेटर गाइडलाइन्स 2020 को पूरे राज्य में लागू करने की मांग वाली जनहित याचिका पर नोटिस जारी किया

Update: 2024-12-18 09:19 GMT

बॉम्बे हाईकोर्ट में जनहित याचिका (पीआईएल) दायर की गई, जिसमें राज्य को मोटर व्हीकल एग्रीगेटर गाइडलाइन्स 2020 को लागू करने और ट्रांसपोर्ट एग्रीगेटर वाहनों में यात्रा करने वाले यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश देने की मांग की गई।

पीआईएल में ओला और उबर जैसे ट्रांसपोर्ट एग्रीगेटर का उपयोग करने वाले यात्रियों की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई गई।

याचिकाकर्ता का तर्क है कि राज्य ने मोटर वाहन (संशोधन) अधिनियम, 2019 के अनुसरण में जारी मोटर वाहन एग्रीगेटर गाइडलाइन्स 2020 को लागू नहीं किया।

याचिकाकर्ता का कहना है कि हालांकि केंद्र सरकार ने मोटर वाहन एग्रीगेटर गाइडलाइन्स तैयार की, लेकिन राज्य में ऐसे वाहनों में यात्रा करने वाले यात्रियों की सुरक्षा अभी भी खतरे में है।

चीफ जस्टिस देवेंद्र कुमार उपाध्याय और जस्टिस अमित बोरकर की खंडपीठ ने राज्य और भारत संघ सहित प्रतिवादी अधिकारियों को नोटिस जारी किए।

न्यायालय ने उल्लेख किया कि इसी तरह की जनहित याचिका में, 07 मार्च 2022 को समन्वय पीठ ने राज्य सरकार को निर्देश जारी किए, जिसमें राज्य सरकार द्वारा मोटर वाहन अधिनियम की धारा 96 के तहत मसौदा नियमों को अंतिम रूप देना और धारा 93(1) के अनुसार लाइसेंस जारी करना शामिल था।

इस आदेश के मद्देनजर, न्यायालय ने राज्य से 07 मार्च 2022 के न्यायालय के आदेश का पालन करने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में हलफनामा दाखिल करने को कहा।

केस टाइटल: अमितोज इंदर सिंह बनाम भारत संघ (पीआईएल/80/2024)

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