बॉम्बे हाईकोर्ट ने फिल्म 'हमारे बारह' के कुछ अंशों को हटाने का आदेश दिया, फिल्म रिलीज की अनुमति दी
बॉम्बे हाईकोर्ट ने बुधवार को फिल्म 'हमारे बारह' को 21 जून, 2024 को रिलीज करने की अनुमति दी, क्योंकि निर्माताओं ने फिल्म में कुछ बदलाव करने पर सहमति जताई।
जस्टिस बीपी कोलाबावाला और जस्टिस फिरदौस पूनीवाला की खंडपीठ ने रिट याचिका पर यह आदेश पारित किया, जिसमें इस आधार पर फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गई कि यह इस्लाम और मुसलमानों के लिए अपमानजनक है।
पीठ ने कहा कि वह अपने आदेश में निम्नलिखित तरीके से बदलावों को दर्ज करेगी,
"न्यायालय के सुझावों के अनुसार, और जो सभी पक्षों को स्वीकार्य है, निम्नलिखित बदलाव किए जाएंगे। नीचे उल्लिखित बदलाव फिल्म रिलीज होने से पहले किए जाएंगे।"
याचिकाकर्ता ने फिल्म में सहमत बदलावों के बाद फिल्म की रिलीज पर कोई आपत्ति नहीं उठाने पर सहमति जताई।
निर्माताओं ने संवाद और कुरान की आयत को हटाने तथा फिल्म में 12 सेकंड के दो अस्वीकरण डालने पर सहमति जताई। निर्माताओं ने याचिकाकर्ता की पसंद के चैरिटी को 5 लाख रुपये की लागत का भुगतान करने पर भी सहमति जताई। केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (CBFC) ने 20 जून, 2024 तक परिवर्तनों के आधार पर फिल्म को फिर से प्रमाणित करने पर सहमति जताई।
अदालत फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की मांग करने वाली रिट याचिका पर विचार कर रही थी, जिसमें दावा किया गया कि इसमें कुरान को विकृत किया गया तथा मुस्लिम समुदाय को अपमानजनक तरीके से चित्रित किया गया।
अजहर बाशा तंबोली द्वारा दायर याचिका में आरोप लगाया गया कि फिल्म, जिसे पहले 7 जून, 2024 तथा फिर 14 जून, 2024 को रिलीज किया जाना था, सिनेमैटोग्राफ अधिनियम, 1952 के प्रावधानों तथा इससे जुड़े नियमों और दिशा-निर्देशों का पूर्ण उल्लंघन है।
याचिका में आगे दावा किया गया कि फिल्म को गलत तरीके से प्रमाणित किया गया तथा इसकी रिलीज संविधान के अनुच्छेद 19(2) और अनुच्छेद 25 का उल्लंघन करेगी। हाईकोर्ट ने शुरू में रिलीज को स्थगित कर दिया, लेकिन फिल्म निर्माताओं द्वारा कुछ आपत्तिजनक दृश्यों को हटाने पर सहमति जताने के बाद इसे अनुमति दे दी। हालांकि, याचिकाकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जिसने हाईकोर्ट द्वारा अंतिम निर्णय दिए जाने तक रिलीज पर रोक लगा दी।
केस टाइटल- अजहर बाशा तंबोली बनाम रवि एस गुप्ता और अन्य।