नोएडा ऑथोरिटी ने पार्टी का टैक्स गलत मद में जमा किया: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने GST Act की धारा 73 के तहत लगाए गए जुर्माने के लिए करदाता को मुआवजा देने का निर्देश दिया

Update: 2025-04-10 08:11 GMT
नोएडा ऑथोरिटी ने पार्टी का टैक्स गलत मद में जमा किया: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने GST Act की धारा 73 के तहत लगाए गए जुर्माने के लिए करदाता को मुआवजा देने का निर्देश दिया

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने न्यू ओखला औद्योगिक विकास प्राधिकरण (NOIDA) को करदाता को 19,22,778 रुपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया, जो माल और सेवा कर अधिनियम 2017 (GST Act) की धारा 73 के तहत कार्यवाही में करदाता पर कर और जुर्माने के रूप में लगाया गया।

याचिकाकर्ता ने गौतमबुद्ध नगर (NOIDA) में अपनी संपत्ति किराए पर दी थी। संपत्ति से प्राप्त किराया GST Act के तहत कर योग्य था। याचिकाकर्ता ने नोएडा में 97,18,500 रुपये का एकमुश्त पट्टा किराया और 17,49,330 रुपये का कर जमा किया। याचिकाकर्ता ने दलील दी कि उसने GST Act की धारा 39 के तहत अपना रिटर्न दाखिल किया।

नोएडा की ओर से हुई गलती के कारण याचिकाकर्ता द्वारा नोएडा में जमा किया गया कर GSTR-3बी फॉर्म में नहीं दिख रहा था।

याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि भले ही उसने कर जमा करने के लिए एक्ट की धारा 73 के तहत कार्यवाही में साक्ष्य प्रस्तुत किए, लेकिन उस पर विचार नहीं किया गया और कर तथा जुर्माना लगाया गया। यह तर्क दिया गया कि अपीलीय प्राधिकारी ने याचिकाकर्ता की अपील को खारिज करते समय रिकॉर्ड पर मौजूद सामग्री की भी अनदेखी की।

याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि एक बार नोएडा ने कर जमा करने को स्वीकार किया तो उसे फिर से कर जमा करने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता।

नोएडा के वकील ने स्वीकार किया कि कर देयता के लिए राशि याचिकाकर्ता द्वारा जमा की गई। हालांकि इसे गलत शीर्ष के तहत जमा किया गया, जिसे याचिकाकर्ता को सुधार करने में सक्षम बनाने के लिए अधिसूचित नहीं किया गया।

नोएडा द्वारा दायर जवाबी हलफनामे पर गौर करते हुए जस्टिस पीयूष अग्रवाल ने कहा कि नोएडा ने याचिकाकर्ता द्वारा गलत शीर्ष के तहत जमा किए गए कर को जमा न करने की अपनी गलती स्वीकार की। ऐसे तथ्यों के आधार पर न्यायालय ने माना कि आरोपित आदेश मनमाने नहीं थे।

न्यायालय ने माना,

“विदा लेने से पहले यह ध्यान रखना उचित होगा कि याचिकाकर्ता द्वारा नोएडा प्राधिकारियों को भुगतान की गई कर राशि स्वीकार कर ली गई तथा गलत मद में जमा कर दी गई। इसलिए याचिकाकर्ता को नोएडा की ओर से की गई गलती के लिए दोषी नहीं ठहराया जा सकता। याचिकाकर्ता ने नोएडा को वैध कर का भुगतान किया, जिसे उचित मद में जमा नहीं किया गया, इसलिए याचिकाकर्ता को न केवल जीएसटी की कार्यवाही का सामना करना होगा, बल्कि जुर्माना भी लगाया जाएगा।”

बटलीबॉय एनवायरनमेंटल इंजीनियर्स लिमिटेड बनाम हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड एवं अन्य में मुआवजे की गणना के संबंध में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय पर भरोसा करते हुए जस्टिस अग्रवाल ने नोएडा को याचिकाकर्ता को 19,22,778 रुपए (मूल्यांकन प्राधिकारी द्वारा निर्धारित जुर्माना) का भुगतान करने का निर्देश दिया।

तदनुसार रिट याचिका का निपटारा कर दिया गया।

केस टाइटल: सुरेन्द्र गुप्ता बनाम अपीलीय प्राधिकरण राज्य जीएसटी/अतिरिक्त आयुक्त ग्रेड- II और 2 अन्य [रिट टैक्स संख्या - 1892/2024]

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