अगर सच है तो समाज को चौंकाने वाली गवाही: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 1971 के युद्ध में शहीद हुए सैनिक की विधवा को ज़मीन अलॉट करने में 51 साल की देरी पर चिंता जताई

Update: 2025-11-27 06:35 GMT

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बुधवार को 1971 के युद्ध में शहीद हुए सैनिक की विधवा की हालत पर गहरी चिंता जताई। विधवा ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि उसे 5 बीघा ज़मीन मिलनी चाहिए थी लेकिन उसे सिर्फ़ 2.5 बीघा ज़मीन दी गई और वह 1974 से अपने हक के लिए संघर्ष कर रही है।

जस्टिस अतुल श्रीधरन और जस्टिस अनीश कुमार गुप्ता की बेंच ने टिप्पणी की कि अगर उसकी याचिका में किए गए दावे सही हैं, तो यह स्थिति पूरे समाज की हालत की एक चौंकाने वाली गवाही है।

बेंच ने यह कहा,

"यह एक ऐसा मामला है, जहां 1971 के युद्ध में शहीद हुए सैनिक की विधवा को 5 बीघा ज़मीन मिलनी चाहिए थी। हालांकि, उसे सिर्फ़ 2.5 बीघा दी गई है और वह 1974 से संघर्ष कर रही है। अगर ये बातें सही हैं तो यह पूरे समाज की हालत की एक चौंकाने वाली गवाही है।"

कोर्ट ने आगे कहा कि इस मामले में तुरंत कार्रवाई की ज़रूरत है। इसलिए उसने राज्य सरकार को तुरंत निर्देश लेने और सभी ज़रूरी कदम उठाने का निर्देश दिया ताकि विधवा का दावा जल्द से जल्द निपटाया जा सके।

कोर्ट ने अधिकारियों को 8 दिसंबर 2025 को कंप्लायंस रिपोर्ट दाखिल करने का भी निर्देश दिया अब इस मामले की सुनवाई उसी दिन होगी।

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