इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य के अधिकारियों के लिए 'माननीय' शीर्षक का उपयोग करने के प्रोटोकॉल पर यूपी सरकार से सवाल पूछे
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से पूछा कि वह न्यायालय को बताए कि क्या राज्य के उन अधिकारियों के बारे में कोई प्रोटोकॉल है, जो अपने पदनाम या नाम के साथ "माननीय" शब्द लगाने के हकदार हैं या लगवाते हैं।
जस्टिस जेजे मुनीर की पीठ ने उत्तर प्रदेश, लखनऊ के राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव से हलफनामा मांगा।
पीठ ने कृष्ण गोपाल राठौर द्वारा दायर रिट याचिका पर विचार करते हुए उपरोक्त हलफनामा मांगा, जिसमें उसने उल्लेख किया कि इटावा के कलेक्टर ने आधिकारिक पत्र में कानपुर के संभागीय आयुक्त को "माननीय आयुक्त" के रूप में संदर्भित किया था।
न्यायालय ने आगे कहा कि सरकारी पत्राचार में विभिन्न रैंकों के राज्य अधिकारियों के नामों के साथ "माननीय" शब्द का नियमित रूप से उल्लेख किया जाता है, यह स्पष्ट नहीं था कि इस संबंध में कोई प्रोटोकॉल मौजूद है या नहीं।
अपने आदेश में न्यायालय ने यह भी कहा कि जबकि माननीय मंत्रियों और अन्य संप्रभु पदाधिकारियों के मामले में "माननीय" शब्द निश्चित रूप से उपसर्ग होना चाहिए, यह ज्ञात नहीं था कि क्या यह राज्य सरकार की सेवा करने वाले सचिवों के लिए उपयुक्त है।
इसके मद्देनजर न्यायालय ने राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव का हलफनामा मांगते हुए मामले की अगली सुनवाई 1 अक्टूबर को तय की।
केस टाइटल - कृष्ण गोपाल राठौर बनाम उत्तर प्रदेश राज्य और अन्य