एनजीटी ने तेल कंपनियों को सभी पेट्रोल पंपों पर 31 अक्तूबर तक वाष्प रिकवरी प्रणाली लगाने को कहा [आर्डर पढ़े]
राष्ट्रिय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने देश की सभी तेल कंपनियों से कहा है कि वे पेट्रोल पंपों पर वाष्प रिकवरी प्रणाली (वीआरएस) 31 अक्तूबर तक लगा दें ताकि बेन्जीन को वायुमंडल में मिलने से रोका जा सके। कोर्ट ने कहा कि अगर वे ऐसा करने में विफल रहती हैं तो तेल कंपनियों के अध्यक्षों के खिलाफ कार्रवाई होगी।
एनजीटी के अध्यक्ष आदर्श कुमार गोयल, एसपी वांगड़ी और डॉ. नागिन नंदा ने आदित्य एन प्रसाद और वल्लारी शील की याचिका पर यह आदेश सुनाया।
एनजीटी ने अपने आदेश में कहा, “जो पेट्रोल पंप 300 केएल तेल प्रति माह बेचते हैं उन्हें इस निर्देश को 31 अक्तूबर तक पूरा कर लेना चाहिए जबकि शेष को 31 दिसंबर तक का समय दिया गया है।
अधिकरण ने कहा कि अधिकांश तेल कंपनियाँ इस बात को जानती हैं कि वीआरएस वायुमंडल में मिलने वाले तेल के वाष्प को रोक सकते हैं। उन्होंने कहा कि दुनिया भर में वीओसी को दो स्थानों पर रोका जाता है – पहला तब जब तेल को वितरण केन्द्रों पर भरा जाता है और दूसरा जब इसे वाहनों में भरा जाता है।
वीओसी को नंगी आँखों से नहीं देखा जा सकता पर विशेष तरह के इन्फ्रा रेड कैमरे से इन्हें देखा जा सकता है।
तेलों के ये वाष्प बहुत ही खतरनाक होते हैं और हमारे अस्थि मज्जा को नुकसान पहुंचाने के अलावा हमारे इम्यून प्रणालीम डीएनए को भी नुकसान पहुंचाते हैं।
एनजीटी ने इस बात पर गौर किया कि केंद्र सरकार की पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने कहा है कि केंद्र ने सभी तेल कंपनियों को वीआरएस लगाने को कहा है।
इंडियन ऑइल कार्पोरेशन ने कहा कि उसने 2006 में ही यह प्रणाली लगाने की कार्रवाई शुरू की और चार माह में यह प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। एचपीसीएल ने दिल्ली के अपने 53 दुकानों पर इसे लगाया है।