पश्चाताप के रूप में आपराधिक शिकायत में शामिल पक्षकारों को दिल्ली हाईकोर्ट ने 300 पौधे लगाने को कहा [आर्डर पढ़े]

Update: 2018-08-05 10:28 GMT

ऐसे बहुत मामले होते हैं जब आपराधिक शिकायतों में दोनों पक्ष आपस में सुलह कर लेते हैं और फिर कोर्ट के पास आकर एफआईआर को निरस्त करने का आग्रह करते हैं। पर इस मामले में शिकायतकर्ता और आरोपी ने प्रायश्चित के रूप में सामाजिक कार्य करने की इच्छा जताई।

मामले में दायर एफआईआर को निरस्त करने का आदेश देते हुए न्यायमूर्ति नजमी वज़ीरी ने मामले से संबद्ध दोनों पक्षों से कहा कि वे दो सप्ताहों में 300 पौधे लगाएं।

इस मामले में याचिकाकर्ता भवानी राम ने अपने वकील नरेश कौशिक के माध्यम से हाईकोर्ट में आवेदन देकर लाजपतनगर में उसके आईपीसी की धारा 308 के तहत दर्ज एफआईआर को निरस्त करने की मांग की।

यह शिकायत पीजीडीएवी कॉलेज के गार्ड ने दर्ज कराई थी जिस पर याचिकाकर्ता ने कथित तौर पर हमला किया था और वह घायल हो गया था। इस क्रम में याचिकाकर्ता को भी चोट लगी।

“समय बीतने के साथ ही दोनों ही पक्षों ने मामले को सफलतापूर्वक सुलझा लिया,” हाईकोर्ट ने गौर करते हुए कहा।

“चूंकि शिकायतकर्ता खुद अब इस शिकायत को आगे नहीं ले जाना चाहता है।।।इसलिए अब इस बारे में आगे किसी कार्रवाई की कोई जरूरत नहीं दिख रही है,” कोर्ट ने कहा।

इस पर वकील कौशिक और शिकायतकर्ता के वकील ने कहा कि एक दूसरे पर हमला करने के प्रायश्चितस्वरूप वे दोनों ही कोर्ट ने निर्देशानुसार कोई सामाजिक कार्य करना चाहते हैं।

“इस तरह, इन लोगों को निर्देश दिया जाता है कि वे डिप्टी फ़ॉरेस्ट कंजर्वेशन ऑफिसर (दक्षिण) जीएनसीटी दिल्ली के समक्ष 6 अगस्त को जाएं जो उनको उनका काम समझा देंगे जो उन्हें करना है। दोनों में से प्रत्यक व्यक्ति को निर्धारित अवधि के दौरान 300-300 पौधे लगाने होंगे,” कोर्ट ने कहा।


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