तमिलनाडु मेडिकल प्रवेश : मद्रास हाईकोर्ट ने काउंसेलिंग के समय छात्रों से आधार कार्ड मांगने का निर्देश दिया [आर्डर पढ़े]

Update: 2018-07-01 15:31 GMT

मद्रास हाईकोर्ट ने गत सप्ताह मेडिकल में प्रवेश लेने वालों को काउंसेलिंग के समय आधार कार्ड और उसकी फोटोकॉपी दिखाने का निर्देश दिया है ताकि पैदाइश के बारे में फर्जीवाड़े से निपटा जा सके।

 न्यायमूर्ति एन किरुबाकरण ने कहा कि छात्र अपनी पैदाइश के बारे में फर्जी प्रमाणपत्र देते पाए गए हैं। कोर्ट ने कहा, “कई छात्रों ने तमिलनाडु और अन्य राज्यों में मेडिकल में प्रवेश के लिए आवेदन किया है और दोनों राज्यों को अपनी पैदाइश की जगह बता रहे हैं। लेकिन किसी का जन्मस्थान तो एक ही हो सकता है।”

 इसके बावजूद कि दो या दो से अधिक राज्यों के निवासियों के रूप में लाभ लेने के लिए योग्यता की जरूरत है, कोई व्यक्ति सिर्फ एक ही राज्य को अपना जन्मस्थान दिखा सकता है और कोई उम्मीदवार एक से अधिक राज्यों को अपना जन्मस्थान बताकर आवेदन नहीं कर सकता।”

 कोर्ट ने कहा कि अन्य सभी राज्यों में आवेदन के साथ ही आधार कार्ड की मांग की जाती है। इसके बाद कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि कैसे आधार कार्ड इस मामले को सुलझा सकता है। कोर्ट ने कहा,

 कोई छात्र किसी राज्य के जायज निवासी के रूप में अगर कोई फ़ायदा उठाना चाहता है तो इसके लिए उसको आधार कार्ड और उसकी फोटोकॉपी काउंसेलिंग के समय आवश्यक रूप से देनी होगी। 

 इससे अन्य राज्यों के छात्रों को राज्य कोटे के तहत फ़ायदा उठाने से रोका जा सकता है। इसलिए प्रतिवादी को निर्देश दिया जाता है कि वह मेडिकल में प्रवेश के लिए आवेदन करने वाले सभी उम्मीदवारों को यह सूचित करे कि प्रवेश के समय उन्हें आधार कार्ड और उसकी फोटोकॉपी देनी होगी।”

अब अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि वे इस बारे में वेबसाइट  www.tnhealth.org  और www.tnmedicalselection.org पर यह जानकारी प्रकाशित करें और दो दिनों के भीतर इस बारे में खबर भी प्रकाशित करें। इसके अलावा इस निर्देश के बारे में छात्रों को एसएमएस भेजा जाए ताकि उन्हें इसके बारे में पता हो जाए।

 राज्य सरकार को कहा गया कि वह ऐसे छात्रों के बारे में जानकारी दें जो एक से अधिक राज्यों को अपना जन्मस्थान बता रहे हैं। अब इस मामले की अगली सुनवाई दो सप्ताह के बाद होगी।


 Full View

Similar News