पद्मावत में जौहर के दृश्य हटाने की याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की, कहा फिल्म देखकर कोई महिला नहीं होगी सती

Update: 2018-04-24 05:10 GMT

 सुप्रीम कोर्ट ने फिल्म 'पद्मावत' से जौहर का दृश्य हटाने और फिल्म निर्माता व निदेशक पर सती प्रथा के महिमामंडन के लिए FIR दर्ज करने की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया।

सोमवार को चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस ए एम खानिवलकर और जस्टिस डीवाई चंद्रचूड की बेंच ने याचिकाकर्ता को फटकार लगाते हुए कहा कि क्या वो समझते हैं कि फिल्म देख कर कोई महिला सती हो जाएगी? इस मामले को राई का पहाड़ नहीं बनाना चाहिए।

दरअसल  स्वामी अग्निवेश ने ये याचिका दायर की थी।याचिका में कहा गया था कि फिल्म का जौहर का दृश्य सामाजिक बुराईयों को बढ़ावा देने वाला है। याचिका में सती प्रथा प्रिवेंशन एक्ट 1987 का उल्लंघन करते हुए मुकदमा दर्ज करने की मांग की थी। कहा गया कि फिल्म में जिस प्रकार से सती प्रथा का महिमामंडन किया गया है, उससे रूढ़िवादी विचारों को बल मिला है। सती प्रथा के खिलाफ आंदोलन के बाद  तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने सती प्रथा प्रिवेंशन एक्ट को संसद में पारित किया था।

स्वामी अग्निवेश की ओर से पेश वकील महमूद प्राचा ने  कहा कि  ये फिल्म सती को बढ़ावा देती है, लोगों को ऐसा करने के लिए उकसा सकती है।

लेकिन चीफ जस्टिस ने कहा कि क्या फिल्म देखकर कोई महिला सती हो सकती है ? इन सालों में महिला सशक्तिकरण आगे बढ़ चुका है। क्या देवदास फिल्म देखकर लोगों ने शराब पीना शुरु कर दिया था ? बेंच ने कहा कि सेंसर बोर्ड फिल्म को सर्टिफिकेट जारी कर चुका है और फिल्म रिलीज हो चुकी है।

इसके बाद बेंच ने इस याचिका को खारिज कर दिया। इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट भी इस याचिका को खारिज कर चुका है।

गौरतलब है कि पद्मावत को लेकर कई राज्यों में धरना प्रदर्शन हुए और सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं भी दाखिल हुईं। सुप्रीम कोर्ट ने ही देशभर में फिल्म को रिलीज करने और सभी राज्यों को सुरक्षा देने के आदेश जारी किए थे।

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