सुप्रीम कोर्ट ने राबर्ट वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी LLP की याचिका को खारिज किया, आयकर के नोटिस को दी थी चुनौती
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस ए के सीकरी की अगवाई वाली पीठ ने राबर्ट वाड्रा से जुड़ी कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी एलएलपी की उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें आयकर विभाग के नोटिस को चुनौती दी गई थी।
शुक्रवार को सुनवाई के दौरान बेंच ने कहा कि इस मामले में दखल देने की जरूरत नहीं है इसलिए याचिका खारिज की जाती है। अब कंपनी से जुड़े लोगों को आयकर विभाग के समक्ष पेश होना होगा।
सुनवाई के दौरान आयकर विभाग की ओर से पेश ASG तुषार मेहता ने कहा कि इस याचिका पर सुनवाई नहीं की जानी चाहिए और आयकर विभाग के पास ठोस दस्तावेज मौजूद हैं।
दरअसल 17 फरवरी 2018 को दिल्ली हाई कोर्ट से राबर्ट वाड्रा की कंपनी को राहत नहीं मिली थी। हाईकोर्ट ने राबर्ट वाड्रा से जुड़ी कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी एलएलपी की आयकर विभाग के नोटिस को दी गई चुनौती की याचिका खारिज कर दी थी।
कंपनी ने वर्ष 2010-11 के दौरान हरियाणा और राजस्थान में हुए भूमि सौदे के फायदे के पुनर्मूल्याकंन के आयकर विभाग के नोटिस को रद्द करने की मांग की थी। हाईकोर्ट के समक्ष रखी गई टैक्स चोरी से जुड़ी रिपोर्ट में आयकर विभाग ने कहा था कि कंपनी द्वारा एक वर्ष के दौरान कमाए गए लाभ में से 35 करोड़ रुपये को मूल्यांकन से बचा लिया गया था। ये जमीनी सौदा डीएलएफ से किया गया था।
न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति चंद्र शेखर की पीठ ने आयकर विभाग की रिपोर्ट पर संज्ञान लेते हुए कहा कि यह मानने के कई कारण हैं कि आय को मूल्यांकन से बचाया गया। कोर्ट ने स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी एलएलपी को 19 फरवरी को मूल्यांकन अधिकारी के समक्ष कार्यवाही के लिए पेश होने का निर्देश भी दिया था।
कंपनी ने आयकर विभाग के नोटिस को चुनौती देने वाली याचिका में कहा था कि नोटिस सिर्फ शक के आधार पर दिया गया। इससे यह साबित नहीं होता कि आय को मूल्यांकन से बचाया गया है। कंपनी के इस दावे पर पीठ ने असहमति जताते हुए कहा कि नोटिस जारी करने को उचित ठहराने के लिए सुबूत और सामग्री पर्याप्त हैं इसलिए हमें यह कहने में कोई संकोच नहीं है कि उक्त जांच और कसौटी वर्तमान मामले में पुख्ता है। पीठ ने कंपनी की उस याचिका को भी खारिज कर दिया जिसमें कहा गया था कि आयकर विभाग ने गलत कंपनी को नोटिस भेजा था और स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड ने ये सौदा किया था जो कि 2016 में बंद हो गई थी। इसके बाद स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी एलएलपी कंपनी बनाई गई थी।