कलकत्ता हाईकोर्ट में आधार कार्ड जारी करने की याचिका, केंद्र ने कहा, मां का प्रतिरूपण किया [आर्डर पढ़े]

Update: 2018-02-21 14:40 GMT

 कलकत्ता उच्च न्यायालय के सामने एक अनोखा मामला आया है जिसमें मजीबर रहमान रहमान नामक एक शख्स ने आधार कार्ड जारी करने के लिए रिट याचिका दायर की है।

वहीं इसयाचिका का जवाब देते हुए  केंद्र सरकार के वकील ने दलील दी कि उसने कथित तौर पर अपनी मां का प्रतिरूपण किया  है और अपनी मां की जगह अपनी उंगलियों के निशान दिए हैं।

याचिकाकर्ता के अनुसार उसकी मां की मृत्यु हो चुकी है। इसके बाद प्राधिकरण ने मां की मृत्यु की पुष्टि के लिए कुछ समय मांगा।

 न्यायमूर्ति देबांगशु बासक ने याचिका को अप्रैल 2018 के लिए सूचीबद्ध किया और कहा: "यह आदेश प्राधिकरण को कानून के अनुसार कार्यवाही करने से नहीं रोकेगा जिसमें आपराधिक कार्यवाही भी शामिल है, अगर कानून के तहत ऐसा करने की आवश्यकता है।"

 सुप्रीम कोर्ट में आधार की वैधता को चुनौती देते की याचिका पर  चल रही सुनवाई में  वरिष्ठ अधिवक्ता श्याम दीवान ने रिपोर्ट में दर्ज इन समस्याओं पर प्रकाश डाला था कि विशिष्ट पहचान नंबरों के  नामांकन के समय कुछ व्यक्तियों का प्रतिरूपण किया गया था।

हालांकि  आधार (वित्तीय और अन्य सब्सिडी, लाभ और सेवाएं का लक्षित वितरण) अधिनियम, 2016 नामांकन के समय प्रतिरूपण को दंडित करता है।


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