कन्हैया से पटियाला हाउस कोर्ट में हिंसा पर SIT जांच की याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की

Update: 2018-01-24 08:26 GMT

देशद्रोह के आरोपी JNU छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार की पेशी के वक्त पटियाला हाउस कोर्ट में हुई हिंसा की SIT से जांच कराने की मांग वाली याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है।

ये याचिका वकील कामिनी जयसवाल ने दाखिल की थी। इसमें फरवरी 2016 में पेशी के वक्त पटियाला हाउस कोर्ट में पत्रकारों से मारपीट करने के आरोपी तीन वकीलों के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई चलाने की मांग भी की गई थी।

बुधवार को मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस रंजन गोगोई की बेंच ने कहा कि मामले को दो साल बीत चुके हैं। कोर्ट ने इस संबंध में आदेश भी जारी किए हैं। अब इसकी सुनवाई जारी नहीं रखी जाएगी।

वहीं याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि वकीलों ने छात्रों और पत्रकारों की पिटाई भी की।

लेकिन बेंच ने कहा कि अगर कोई दिक्कत है तो FIR दाखिल की जा सकती है। बेंच ने कहा, “ आप मरे हुए घोडे को चाबुक मारकर जिंदा नहीं कर सकते।”

गौरतलब है कि 2016 में कन्हैया की पेशी के दौरान वकीलों ने पटियाला हाउस कोर्ट में जमकर हंगामा किया था। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस के कमिश्नर को सुरक्षा देने को कहा था जबकि दिल्ली हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार को कोर्ट कार्रवाई की निगरानी करने को कहा था। यहां तक कि कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के 6 वकीलों के पैनल को हालात का जायजा लेने पटियाला हाउस कोर्ट भी भेजा था। पैनल ने रिपोर्ट दी थी कि पुलिस की सुरक्षा के बीच कन्हैया से मारपीट कि गई और निचली अदालत में आतंक का माहौल था। इस संबंध में वीडियो भी पेश की गई। वहीं हाईकोर्ट रजिस्ट्रार ने भी रिपोर्ट दाखिल की थी। दिल्ली पुलिस ने हलफनामा दाखिल कर मारपीट की बात से इंकार किया था।


Image Courtesy: The Wire

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