आदर्श सोसाइटी को राहत : SC ने बैंक खाते डीफ्रीज करने के आदेश दिए

Update: 2018-01-05 11:45 GMT

मुंबई की विवादित आदर्श कॉपरेटिव हाउसिंग सोसाइटी को शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट से बडी राहत मिली है।

जस्टिस जे चेलामेश्वर और जस्टिस एस के कौल की बेंच ने सीबीआई को सोसाइटी के फ्रीज किए गए तीनों बैंक खाते डीफ्रीज करने के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने कहा है कि सोसाइटी आदर्श इमारत के रखरखाव और मुकदमेबाजी के लिए इनमें से 1.68 करोड रुपये खर्च कर सकती है और उसे इतनी राशि की अचल संपत्ति की गारंटी देनी होगी।

शुक्रवार को हुई सुनवाई के दौरान सोसाइटी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मीनाक्षी अरोडा ने कोर्ट को बताया कि सोसाइटी ने एक प्रस्ताव पास किया था कि मुकदमेबाजी के लिए प्रत्येक सदस्य दो- दो लाख रुपये जमा करेगा। ये रुपये नवंबर 2010 से जनवरी 2011 के बीच जमा किए गए लेकिन सीबीआई ने बैंक खातों को फ्रीज कर दिया। FIR दर्ज होने से पहले ये रुपये जमा किए गए और सदस्यों ने इन्हें जमा किया। इनका अपराध से कोई लेना देना नहीं है। अब आदर्श की इमारत खाली है और कोर्ट ने सोसाइटी को इसके रखरखाव की इजाजत दी है। ऐसे में सोसाइटी को रखरखाव और मुकदमा लडने के लिए रुपयों की जरूरत है।

वहीं सीबीआई की ओर पेश बाला सुब्रमण्यम ने कोर्ट में कहा कि ये शर्म की इमारत है और ये रुपये बेनामी होने का शक है। इसकी जांच चल रही है। अगर रुपये निकालने की इजाजत दी गई तो ट्रायल और जांच प्रभावित हो सकते हैं।

लेकिन बेंच ने कहा कि खाते डीफ्रीज करने से ट्रायल प्रभावित नहीं हो सकता और ये आदेश जारी कर दिए।

दरअसल आदर्श हाउसिंग सोसाइटी ने बॉम्बे हाई कोर्ट के उस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी जिसमें कोर्ट ने सोसाइटी के बैंक एकाउंट को डी फ़्रीज करने से इंकार  कर दिया था। ऐसी ही एक याचिका को सितंबर 2015 में सीबीआई की विशेष अदालत ने भी खारिज कर दिया था।

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